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रतलामएक घंटा पहले
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मरीजों के परिजनों को निशुल्क भ
रतलाम मेडिकल कॉलेज में मंदसौर ,नीमच, धार और झाबुआ जिलों के मरीज भी है भर्ती, मरीज के परिजनों को लॉकडाउन की वजह से हो रही थी खाने पीने की समस्यालॉकडाउन के दौरान मेडिकल कॉलेज में बाहर के जिलों के मरीजों के परिजनों के लिए भोजन पानी और चाय नाश्ते का लगाया निशुल्क स्टॉल
रतलाम जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वही मरीजो के परिजनों की संख्या भी मेडिकल कॉलेज परिसर में बढ़ रही है। खासकर बाहर के जिलों के मरीजों के परिजन मेडिकल कॉलेज परिसर में ही खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है। रतलाम जिले में लगे लॉकडाउन की वजह मरीजों के परिजनों के सामने खाने पीने की समस्या खड़ी हो गई थी । लेकिन रतलाम के एक समाजसेवी दीपेश पाठक ने इन लोगों की सुध ली और लॉकडाउन के पहले दिन से ही मेडिकल कॉलेज के बाहर रुके हुए इन लोगों को चाय, नाश्ता और दोनों समय के भोजन की व्यवस्था निशुल्क दे रहे हैं।दीपेश प्रतिदिन करीब ७५ लोगो को भोजन और चाय नाश्ता उपलब्ध करवा रहे है | कर्मवीर दीपेश पाठक का कहना है कि रतलाम मेडिकल कॉलेज में बाहर के जिलों से बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं। बाहर के जिलों से आए हुए मरीजों के परिजन मेडिकल कॉलेज के बाहर खुले आसमान के नीचे रुक कर दिन और रात गुजार रहे हैं । लॉकडाउन लग जाने की वजह से इन परिजनों के सामने भोजन और चाय-नाश्ते की समस्या खड़ी हो गई थी। जिसे देखकर उनके मन में सेवा करने का विचार आया और मेडिकल कॉलेज परिसर के बाहर चाय ,नाश्ता और भोजन के लिए निशुल्क स्टाल लगा दी। दीपेश पाठक अपने साथियों के साथ प्रतिदिन सुबह चाय ,नाश्ता और दोनों समय का भोजन बाहर के जिलों से आकर रुके हुए मरीज के परिजनों को वितरित कर रहे हैं। बाहर से आए हुए परिजन भी दीपेश पाठक के इस सेवा कार्य की तारीफ करते हुए कहते हैं कि हमें यहां पीने के पानी से लेकर चाय ,नाश्ता और दोनों समय का भोजन मिल रहा है। कोराना काल के दौरान जहां बढ़ते संक्रमण और मौत के आंकड़े निराशा पैदा कर रहे हैं वही सेवा और त्याग की ऐसी तस्वीरें मन को राहत और सुकून प्रदान कर रही है ।बहरहाल दीपेश पाठक की इस पहल से अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेकर लॉकडाउन के दौरान खाने के लिए परेशान हो रहे गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों की हर संभव मदद के लिए आगे आना चाहिए।
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