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अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 03 Apr 2021 03:22 AM IST
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महाराष्ट्र में कोरोना की मार के बीच एक बार फिर खून की कमीं हो गई है। मुंबई, पुणे, ठाणे आदि बड़े शहरों में स्थित ब्लडबैंकों में रक्त बहुत सीमित स्टॉक रह गया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री जितेन्द्र आव्हाड ने शुक्रवार को युवाओं से गुहार की कि वे आगे आएं और रक्तदान करें।
मंत्री की गुहार, सात दिन के लिए ही बचा है खून, रक्तदान करें युवाएनसीपी नेता व आवास मंत्री जितेन्द्र आव्हाड ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में खून की भारी कमी हो गई है। ब्लड बैंक सूख चुके हैं और हमारे पास केवल 7-8 दिनों का ही खून बचा है। समय की मांग है कि लोग आगे आएं और रक्तदान करें। आव्हाड ने खासतौर से युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वेच्छा से और नि:स्वार्थ भाव से रक्दान के लिए आगे आएं।
इससे पहले साल 2020 के मध्य में कोरोना के दौरान राज्य में खून की कमीं हो गई थी। तब भी इसी तरह रक्तदान का आह्वान किया गया था। इस बीच शुक्रवार को राज्य रक्त संचरण परिषद (द स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउन्सिंल) ने भी ब्लडबैंकों में रक्त की कमीं को लेकर राज्य सरकार को आगाह किया है। परिषद का कहना है कि मुंबई, ठाणे और पुणे में सात दिन के उपयोग के लिए रक्त बचा है जबकि राज्य के अन्य शहरों में स्थित ब्लड बैंकों में 10 से 11 दिन के लिए खून उपलब्ध है।
कोरोना महामारी के बीच खून की कमीं होने के कारण अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं और सर्जरी के लिए खून की आवश्यकता होती है। इसलिए हर दिन के हिसाब से ब्लड बैंकों में जमा खून के स्टॉक की मॉनीटरिंग की जा रही है।
वहीं, राज्य के औषधि प्रशासन मंत्री राजेन्द्र शिंगडे ने कहा कि अस्पतालों में रूटीन स्कॉक की औसतन उपलब्धता मुश्किल से एक सप्ताह तक रहती है। ऐसे में रक्त की कमीं रूटीन इमरजेंस सर्जरी और अस्पतालों में रक्त की अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति मुश्किल हो जाएगी।
विस्तार
महाराष्ट्र में कोरोना की मार के बीच एक बार फिर खून की कमीं हो गई है। मुंबई, पुणे, ठाणे आदि बड़े शहरों में स्थित ब्लडबैंकों में रक्त बहुत सीमित स्टॉक रह गया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री जितेन्द्र आव्हाड ने शुक्रवार को युवाओं से गुहार की कि वे आगे आएं और रक्तदान करें।
मंत्री की गुहार, सात दिन के लिए ही बचा है खून, रक्तदान करें युवा
एनसीपी नेता व आवास मंत्री जितेन्द्र आव्हाड ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में खून की भारी कमी हो गई है। ब्लड बैंक सूख चुके हैं और हमारे पास केवल 7-8 दिनों का ही खून बचा है। समय की मांग है कि लोग आगे आएं और रक्तदान करें। आव्हाड ने खासतौर से युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वेच्छा से और नि:स्वार्थ भाव से रक्दान के लिए आगे आएं।
इससे पहले साल 2020 के मध्य में कोरोना के दौरान राज्य में खून की कमीं हो गई थी। तब भी इसी तरह रक्तदान का आह्वान किया गया था। इस बीच शुक्रवार को राज्य रक्त संचरण परिषद (द स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउन्सिंल) ने भी ब्लडबैंकों में रक्त की कमीं को लेकर राज्य सरकार को आगाह किया है। परिषद का कहना है कि मुंबई, ठाणे और पुणे में सात दिन के उपयोग के लिए रक्त बचा है जबकि राज्य के अन्य शहरों में स्थित ब्लड बैंकों में 10 से 11 दिन के लिए खून उपलब्ध है।
कोरोना महामारी के बीच खून की कमीं होने के कारण अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं और सर्जरी के लिए खून की आवश्यकता होती है। इसलिए हर दिन के हिसाब से ब्लड बैंकों में जमा खून के स्टॉक की मॉनीटरिंग की जा रही है।
वहीं, राज्य के औषधि प्रशासन मंत्री राजेन्द्र शिंगडे ने कहा कि अस्पतालों में रूटीन स्कॉक की औसतन उपलब्धता मुश्किल से एक सप्ताह तक रहती है। ऐसे में रक्त की कमीं रूटीन इमरजेंस सर्जरी और अस्पतालों में रक्त की अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति मुश्किल हो जाएगी।
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