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बड़ी उपलब्धि: विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में रूस को पछाड़कर चौथे स्थान पर पहुंचा भारत, चीन इसमें सबसे आगे

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Hindi NewsBusinessVideshi Mudra Bhandar ; RBI ; India Overtakes Russia In Fourth Place In Foreign Exchange Reserves, China Leads In It

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नई दिल्ली39 मिनट पहले

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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार बन गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस को पछाड़कर इस पायदान पर पहुंचा है। भारत की विदेशी मुद्रा भंडार 5 मार्च को 4.3 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.3 अरब डॉलर पर पहुंच गई थी। वहीं रूस का भंडार 580.1 अरब (बिलियन) डॉलर पर आ गया ।

चीन बना हुआ है टॉप परचीन के पास सबसे ज्यादा भंडार है, जिसके बाद जापान और स्विट्जरलैंड आते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत भंडार से विदेशी निवेशकों और क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को यह भरोसा मिलता है कि सरकार घटते फिजकल आउटलुक और अर्थव्यवस्था के चार दशकों में पहले एक साल के संकुचन की ओर बढ़ने के बावजूद अपने कर्ज को लेकर वादे को पूरा कर सकती है।

580.299 अरब डॉलर का हुआ विदेशी मुद्रा भंडार हुआदेश का विदेशी मुद्रा भंडार 5 मार्च को समाप्त सप्ताह में 4.255 अरब डॉलर घटकर 580.299 अरब डॉलर रह गया। RBI के 12 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 68.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 584.554 अरब डॉलर हो गया था। विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।

निर्यात बढ़ाने पर जोर दे रही सरकारसरकार आयात (इम्पोर्ट) कम करने और निर्यात (एक्सपोर्ट) बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसी के चलते सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) की शुरुआत भी की है। इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन देगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा।

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता है। ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है। कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होनी चाहिए। हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं।

किस देश पर कितना विदेशी मुद्रा भंडार

देशभंडारचीन3336 बिलियन डॉलरजापान1379 बिलियन डॉलरस्विट्जरलैंड1080 बिलियन डॉलरभारत580 बिलियन डॉलरताइवान580 बिलियन डॉलर

विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व

विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और आरबीआई को आर्थिक ग्रोथ में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में मदद करती है।यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।मौजूदा विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक साल तक संभालने के लिए काफी है।विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के मुकाबले स्थिति मजबूत करने में मदद मिलती है।मौजूदा समय में विदेशी मुद्रा भंडार जीडीपी अनुपात करीब 15% है।विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।

आरबीआई करता है विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन

आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया जारी करता है। इस अतिरिक्त लिक्विडिटी को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के जरिए मैनेज करता है।

कहां रखा होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

आरबीआई एक्ट 1934 विदेशी मुद्रा भंडार को रखने का कानूनी ढांचा प्रदान करता है।देश का 64% विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में ट्रेजरी बिल आदि के रूप में होता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका में रखा होता है।आरबीआई के डाटा के मुताबिक, मौजूदा समय में 28 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक और 7.4% कमर्शियल बैंक में रखा है।मार्च 2020 में विदेशी मुद्रा भंडार में 653.01 टन सोना था। इसमें से 360.71 टन सोना विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सुरक्षित निगरानी में रखा है। बचा हुआ सोना देश में ही रखा है।डॉलर की वैल्यू में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2019 के 6.14 फीसदी से बढ़कर मार्च 2020 में 6.40% पर पहुंच गई है।खबरें और भी हैं…

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