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नई दिल्ली6 घंटे पहलेलेखक: अंकित गुप्ता
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देश में किडनी ट्रांसप्लांट के मामले बढ़ रहे हैं। दो लाख मरीजों पर केवल 15 हजार किडनी डोनर्स मौजूद हैं। इस आंकड़े के दो मायने हैं। पहला, लोग शुरुआती स्तर पर किडनी की बीमारी को नहीं समझ पा रहे हैं, नतीजा, ट्रांसप्लांट की नौबत आ रही है। दूसरा, किडनी फेल होने की कगार पर खड़े मरीजों के लिए ट्रांसप्लांट कराना भी आसान नहीं है क्योंकि पर्याप्त डोनर्स हैं ही नहीं।
इन दोनों दिक्कतों से निपटने का एक ही तरीका है, वो छोटी-छोटी बातें जो किडनी को बीमार बनाती हैं उसे ध्यान रखना। आज वर्ल्ड किडनी-डे है। इस मौके पर जानिए, किडनी को कैसे स्वस्थ रखें…
इसलिए बढ़ते हैं किडनी में बीमारी के मामले
एक्सपर्ट कहते हैं जब किडनी में बीमारी शुरू होती है तो कुछ लक्षण दिखते हैं। इसके कुछ लक्षण दूसरी बीमारियों से भी मिलते-जुलते हैं। इसलिए लोग उसे नजरअंदाज कर देते हैं। नतीजा, किडनी की बीमारी गंभीर हो जाती है और लास्ट स्टेज पर पता चलती है। यही कारण है कि किडनी 90 फीसदी मरीज अपनी बीमारी को समझ नहीं पाते।
यूरिन का रंग बदलता है तो इसे नजरअंदाज न करें
जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अमजद खान पठान कहते हैं, यूरिन का रंग बदलना या इसमें खून आना भी किडनी में बीमारी का एक लक्षण है। लक्षण बताता है कि किडनी में पथरी, ट्यूमर या संक्रमण है। इसके अलावा यूरिन में झाग आना और रात में बार-बार यूरिन करने जाना भी इस बात इशारा है कि किडनी में दिक्कत है। इसके अलावा भूख न लगना, उल्टी आना, सांस लेने में दिक्कत होना, मांसपेशियों में अकड़न और नींद न आने जैसी दिक्कत हो तो डॉक्टर्स से सम्पर्क करें।
कैसे चेक करें किडनी स्वस्थ है या नहीं
जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में नेफ्रोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. एमएम बहादुर कहते हैं, किडनी स्वस्थ है या नहीं इसे कुछ टेस्ट कराकर जांच सकते हैं। लक्षण दिखने पर मरीज को ब्लड और यूरिन टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। इन टेस्ट के जरिए ब्लड में प्रोटीन और क्रिएटिनीन का स्तर जांचा जाता है। इनकी मात्रा अधिक होने पर सीधा असर किडनी पर पड़ता है।
ऐसे लोग जो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं या जिनकी फैमिली में किडनी फेल होने के मामले देखे गए हैं उन्हें ये जांचें जरूरी करानी चाहिए।
कब शुरू हुआ वर्ल्ड किडनी-डेकिडनी की बीमारी और इलाज के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए 2006 में इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन ने मिलकर किडनी-डे की शुरुआत की। हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को किडनी-डे सेलिब्रेट किया जाता है। हर साल इस दिन एक थीम तय की जाती है। इस साल की थीम है, ‘किडनी हेल्थ फॉर एवरीवन एवरीवेयर’।
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