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इस्लामाबाद24 मिनट पहले
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पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि ऐसे समय जब देश के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं, तो सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा। (फाइल फोटो)
पाकिस्तान की इमरान सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश में सरकार विरोधी प्रदर्शन भी बढ़ते जा रहे हैं। पहले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैलियां और अब सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। इस बीच पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर टियर गैस के गोले छोड़े जाने के मामले में रविवार को बेतुका बयान दिया। उन्होंने कहा कि इनका काफी समय से इस्तेमाल नहीं हो पाया था, इसलिए इनका टेस्ट जरूरी था।
भीड़ के लिए तितर-बितर करने के लिए कार्रवाई कीन्यूज एजेंसी के मुताबिक, रावलपिंडी में एक समारोह के दौरान उन्होंने कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों पर काफी कम संख्या में इनका इस्तेमाल किया गया। यह रैली 10 फरवरी को हुई थी, जिसमें विरोध करने वाले लोगों को तितर-बितर करने के लिए उनके ऊपर टियर गैस का इस्तेमाल किया गया था।
राशिद ने कहा कि असल में दिक्कत प्रदर्शन या टियर गैस के गोले छोड़े जाने की नहीं थी, बल्कि सैलरी में इजाफे की थी। ऐसे समय जब देश के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं और मंहगाई दर काफी बढ़ती जा रही है, तो सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा।
सैलेरी में बढ़ोतरी के लिए कर रहे थे प्रदर्शनसरकारी कर्मचारी इमरान सरकार से मंहगाई के मुताबिक सैलरी और पेंशन में इजाफा करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि वे तब तक सचिवालय के बाहर बैठे रहेंगे, जब तक सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले लेती है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। हालांकि बाद में सरकार के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया।
विपक्ष ने भी सरकार को घेरापाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जादारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने प्रदर्शन का समर्थन किया था। मरयम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सरकार को सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करना बंद करना चाहिए। वहीं, मरयम की ही पार्टी के मोहम्मद जुबैर ने कहा कि अगर किसी और देश में किसी मंत्री ने इस तरह का बयान दिया होता, तो उसे तत्काल बर्खास्त कर दिया जाता और उन्हें देश से माफी मांगनी पड़ती।
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