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Hindi NewsHappylifeTeera Kamat SMA | Zolgensma Injection Price And Why Is SMA Treatment So Expensive? Narendra Modi Govt Waiving Import Duty
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13 घंटे पहले
कॉपी लिंकतीरा न खाना चबा पाती है और न ही दूध पी पाती है, दूध पीने पर दम घुटने लगता हैमहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की चिट्ठी पर मोदी ने टैक्स माफ कर दिया है
मुंबई में पांच महीने की तीरा स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी नाम की बीमारी से जूझ रही है। उसका इलाज 16 करोड़ के Zolgensma इंजेक्शन से ही मुमकिन है। इसे अमेरिका से मंगाया जाना है। इंजेक्शन पर 6 करोड़ रुपए का टैक्स लगने के बाद यह 22.5 करोड़ रुपए तक पड़ेगा।
तीरा कामत को 13 जनवरी को मुंबई के SRCC चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। उसके एक फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया था, इसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की चिट्ठी पर PM नरेंद्र मोदी ने यह टैक्स माफ कर दिया है। अब तीरा की जिंदगी बचाई जा सकेगी, लेकिन बड़ा सवाल है कि 16 करोड़ के Zolgensma इंजेक्शन में ऐसा क्या है जो यह इतना महंगा है। पढ़िए पूरी खबर…
इंजेक्शन से पहले समझिए वो बीमारी जिससे 5 महीने की बच्ची जूझ रही हैस्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी यानी SMA एक न्यूरो मस्क्यूलर डिसऑर्डर है। बच्चे में यह डिसऑर्डर होने पर धीरे-धीरे उसका शरीर कमजोर पड़ने लगता है। चलफिर नहीं पता। बॉडी के कई हिस्सों में मूवमेंट नहीं हो पाता क्योंकि शरीर की मांसपेशियों पर उनका कंट्रोल खत्म होने लगता है। यह एक जेनेटिक बीमारी है जो जीन में गड़बड़ी होने पर अगली पीढ़ी में पहुंचती है।
ऐसा होता क्यों है, यह जानते हैं। स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी होने पर ब्रेन की नर्व सेल्स और स्पाइनल कॉर्ड डैमेज होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में ब्रेन मसल्स को कंट्रोल करने के लिए मैसेज भेजना धीरे-धीरे बंद करने लगता है। नतीजा, बच्चा मूवमेंट नहीं कर पाता। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है बच्चे का खुद से हिलना-डुलना बंद हो जाता है।
अब तक इसका कोई सटीक ट्रीटमेंट नहीं मिल सका है, सिर्फ दवाओं के जरिए इसका असर कम करने की कोशिश की जाती है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि Zolgensma इंजेक्शन के एक डोज से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
तीरा के साथ उसके माता-पिता। पिता मिहिर IT कंपनी में जॉब करते हैं। मां प्रियंका फ्रीलांस इलेस्ट्रेटर हैं।
5 तरह की होती है स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी
टाइप-0: यह तब होती है जब बच्चा पेट में पल रहा होता है। जन्म से ही बच्चे में जोड़ों का दर्द रहता है। हालांकि, ऐसे मामले दुनिया में कम ही सामने आते हैं।टाइप-1: ऐसा होने पर बिना किसी की मदद से बच्चा सिर तक नहीं हिला पाता। हाथ-पैर ढीले रहते हैं। कुछ भी निगलने में भी दिक्कत आती है। तीरा इसी से जूझ रही है।टाइप-2: इसके मामले 6 से 18 महीने के बच्चे में सामने आते हैं। हाथ से ज्यादा असर पैरों पर दिखता है। नतीजा वो खड़े नहीं हो पाते।टाइप-3: 2-17 साल के लोगों में लक्षण दिखते हैं। टाइप-1 व 2 के मुकाबले बीमारी का असर कम दिखता है लेकिन भविष्य में व्हीलचेयर की जरूरत पड़ सकती है।टाइप-4: स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी का यह प्रकार वयस्कों में दिखता है। मांसपेशियां में कमजोर हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। हाथ-पैरों पर असर दिखता है।
इंजेक्शन इतना महंगा क्यों है?Zolgensma इंजेक्शन को स्विटजरलैंड की कम्पनी नोवार्टिस तैयार करती है। कम्पनी का दावा है कि यह इंजेक्शन एक तरह का जीन थैरेपी ट्रीटमेंट है। जिसे एक बार लगाया जाता है। इसे स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी से जूझने वाले 2 साल से कम उम्र के बच्चों को लगाया जाता है।
यह इंजेक्शन इतना महंगा क्यों है इस पर नोवार्टिस के सीईओ नरसिम्हन का कहना है, जीन थैरेपी मेडिकल जगत में एक बड़ी खोज है। जो लोगों के अंदर उम्मीद जगाती है कि एक डोज से पीढ़ियों तक पहुंचने वाली जानलेवा जेनेटिक बीमारी ठीक की जा सकती है।
इंजेक्शन के तीसरे चरण के ट्रायल का रिव्यू करने के बाद इंस्टीट्यूट फॉर क्लीनिकल एंड इकोनॉमिक ने इसकी कीमत 9 से 15 करोड़ रुपए के बीच तय की थी। नोवार्टिस ने इसे मानते हुए इसकी कीमत 16 करोड़ रुपए रखी।
कैसे काम करता है यह इंजेक्शन?स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी जिस जीन की खराबी के कारण होती है, Zolgensma इंजेक्शन उसे नए जीन से रिप्लेस करता है। ऐसा होने के बाद शरीर में दोबारा यह बीमारी नहीं होती क्योंकि बच्चे के डीएनए में नया जीन शामिल हो जाता है।
कितना असरदार है Zolgensma?इसका असर देखने के लिए स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी के 21 बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया। मार्च 2019 में इसके नतीजे आए। नतीजों के मुताबिक, 21 में से 10 बच्चे बिना किसी सपोर्ट बैठ पाए। वैज्ञानिकों के लिए यह नतीजे चौंकाने वाले थे क्योंकि ऐसा अब तक नहीं हो पाया जाता था।
Zolgensma का इंजेक्शन विकल्प क्या है?ड्रग डॉट कॉम वेबसाइट के मुताबिक, Zolgensma का इंजेक्शन एक विकल्प है Spinraza। इसे एक साल में 4 बार लगवाया जाता है। पहले साल इसके लिए करीब 5 करोड़ रुपए चुकाने पड़ते हैं। इसके बाद हर साल करीब 2 करोड़ रुपए के इंजेक्शन लगते हैं। जो ताउम्र लगते हैं।
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