May 19, 2024 : 10:16 AM
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UAE की सबसे बड़ी अंतरिक्ष उड़ान: 7 माह में 49.4 करोड़ किमी की यात्रा कर मंगल की कक्षा में पहुंचा ‘होप’; किसी मुस्लिम देश का पहला सफल मंगल मिशन

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Hindi NewsInternational’Hope’ Reached Mars Orbit After Traveling 49.4 Million Km In 7 Months; First Successful Mars Mission Of A Muslim Country

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अबुधाबीएक घंटा पहले

कॉपी लिंकमंगल की कक्षा तक पहुंचने वाला दुनिया का 5वां देश बना यूएई

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का पहला मानवरहित मंगल मिशन ‘होप प्रोब’ मंगलवार को 7 महीने बाद 49.4 करोड़ किमी की यात्रा कर मंगल की कक्षा में पहुंच गया। मिशन के सफल होते ही यूएई ने कई रिकॉर्ड भी बनाए। जैसे- उसने पहली कोशिश में अपना अंतरिक्षयान मंगल की कक्षा तक पहुंचा दिया। पहला मुस्लिम देश बना, जिसका मार्स मिशन सफल रहा।

मंगल की कक्षा तक पहुंचने वाला दुनिया का 5वां देश भी बन गया। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ, यूरोप और भारत ही मंगल की कक्षा तक पहुंच सके हैं। यूएई की स्पेस एजेंसी के मुताबिक, होप यान 1.20 लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है।

लक्ष्य- मंगल का पहला ग्लोबल वेदर मैप तैयार करना

होप का लक्ष्य मंगल का पहला ग्लोबल वेदर मैप भी तैयार करना है। यह मंगल के वातावरण का अध्ययन करेगा। यह मंगल के हर हिस्से पर नजर रखेगा।

खतरा- मंगल से दूर निकलने और नष्ट होने की संभावना

यूएई के वैज्ञानिकों ने बताया कि होप की रफ्तार तेज की तो वह मंगल से दूर निकल जाएगा। यदि होप धीमे जाता है, तो वह मंगल पर नष्ट हो सकता है।

होड़- आज चीन और 18 को अमेरिका का यान पहुंचेगा

UAE के गुरुवार को चीन का तियानमेन-1 और 18 फरवरी को अमेरिका का अंतरिक्षयान मार्स पर पहुंच जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि एक माह में तीन अंतरिक्ष यान का मंगल पर पहुंचना अप्रत्याशित है।

10 दिन के भीतर अमेरिका और चीन के यान भी पहुंच जाएंगे

मंगल पर पहुंचने का लक्ष्य 90 दिन का था, लेकिन तकनीकी कारणों से लेट पहुंच रहा है।यह मंगल के पानी, मिट्‌टी, चट्‌टानों और पर्यावरण का अध्ययन करेगा। तस्वीरें लेगा। चार्ट और मैप भी बनाएगा।अमेरिका का प्रिजर्वेंस रोवर, नासा का पांचवां व्हीकल​​​​​30 जुलाई को लॉन्च हुआ था, 18 फरवरी को पहुंचेगा।687 दिन (मार्स के साल के मुताबिक) में मंगल पर पहुंचने का था। समय पर पहुंचने के आसार हैं।भूगर्भ और मंगल पर जीवन की संभावनाएं खोजेगा। सतह के नमूने जुटाकर वापस धरती पर लौटेगा।

61 साल में 58 मिशन; सबसे ज्यादा 29 अमेरिका के

मंगल पर पिछले 61 साल में 58 मिशन भेजे जा चुके हैं। शुरुआत सोवियत संघ ने 10 अक्टूबर 1960 को की थी, पर सफलता अमेरिका को मिली। मंगल पर अब तक सबसे ज्यादा मिशन अमेरिका ने 29, दूसरे नंबर पर सोवियत संघ/रूस ने 22 और तीसरे नंबर पर ईयू ने 4 मिशन भेजे हैं। भारत, जापान, चीन और यूएई ने एक-एक मिशन भेजा है।

4 साल में 5 देश भेजेंगे मिशन; इनमें भारत का मंगलयान-2 भी

अगले चार साल में पांच देश मंगल पर मिशन भेजने वाले हैं। सबसे पहले ईयू और रूस मिलकर 2022 में एक्सोमार्स नाम का लैंडर-रोवर भेजेंगे। इसी साल जापान एक ऑर्बिटर और लैंडर भेजेगा। 2023 में अमेरिका का साइकी यान मंगल के बगल से निकलेगा। भारत 2024 में मंगलयान-2 भेजेगा। इसमें एक ऑर्बिटर और संभवतः एक लैंडर भी होगा।

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