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चमोली5 मिनट पहले
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उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा को 24 घंटे हो गए हैं। उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, अब तक 202 लोग लापता हुए थे। इनमें 20 से 25 लोगों को निकाला जा चुका है, जबकि बाकियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सैलाब इतना भयावह था कि ऋषिगंगा नदी किनारे करीब 15 हेक्टेयर के इलाके में फैला मरिंडा जंगल चंद मिनटों में ही साफ हो गया। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट, तपोवन का NTPC हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, चीन सीमा तक पहुंचाने वाला BRO का ब्रिज, तीन से चार झूला ब्रिज, कई मंदिर और घर महज आधे घंटे में ही तबाह हो गए। 24 तस्वीरों में देखिए प्रलय के 24 घंटे के बाद के हालात…
मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए रस्सी की मदद से ITBP के जवान दलदल में उतरे। अब तक करीब 25 लोगों को निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
ये नजारा ऋषिगंगा नदी के किनारे का है। यहां सैलाब के चलते पास का जंगल भी साफ हो गया है। NDRF और ITBP के जवान यहां क्रेन की मदद से मलबे को हटाकर लापता लोगों को ढूंढ रहे हैं।
तपोवन स्थित NTPC पावर प्रोजेक्ट के पास मलबे को हटाने में जुटे जवान।
सैलाब के कारण तपोवन में NTPC पावर प्रोजेक्ट के पास बना डैम पूरी तरह से टूट गया।
हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाते जवान।
सैलाब ने धौलीगंगा किनारे का मंदिर भी तोड़ दिया। अब यहां केवल मलबा ही बचा हुआ है।
ये ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट की तस्वीर है। ग्लेशियर टूटने के बाद यहीं सबसे पहले सैलाब पहुंचा।
राहत-बचाव कार्य में जुटी SDRF और NDRF की टीम। यहां टनल में अभी भी 100 से ज्यादा लोग फंसे हैं।
उत्तराखंड जल पुलिस ने आसपास की नदियों में भी सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। तपोवन में आए सैलाब में कई लोगों के बहने की आशंका है।
NTPC पावर प्रोजेक्ट के पास दो टनल थे। दोनों में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। क्रेन की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है।
टनल के अंदर फंसे लोगों को तलाशने के लिए स्निफर डॉग्ज की मदद ली जा रही है।
मलबा हटाने में जुटे ITBP के जवान।
सैलाब के चलते आस-पास काफी दलदल है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे जवानों को इससे काफी दिक्कतें हो रहीं हैं।
मलबे के अंदर फंसे लोगों को रस्सी की मदद से निकाला जा रहा है। अब तक 16 लोग जिंदा बचाए जा चुके हैं।
सैलाब के चलते ब्रिज भी टूट गया है। ऐसे में एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए जवान रस्सी के सहारे एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ की तरफ जा रहे हैं।
धौलीगंगा नदी में पानी की रफ्तार सोमवार को भी काफी तेज थी। लोगों ने भी रेस्क्यू में जवानों की मदद की।
लापता लोगों के परिजन कल से ही तपोवन स्थित टनल और ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के पास जुटे हैं।
घुटनों तक मलबा है। ऐसे में लोगों को निकालने के लिए मलबा हटाते जवान।
सेना के अफसरों ने भी मौके का मुआयना किया। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के कई जवान भी मदद कर रहे हैं।
दलदल वाली जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए लकड़ी के पट्टों को लगाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों को राहत सामग्री भी दी जा रही है। हेलिकॉप्टर की मदद से ये राहत सामग्री देहरादून से मंगवाई जा रही है। इसमें खाना-पानी और कपड़े भी लोगों को दिया जा रहा है।
टनल के अंदर मलबा जमा हुआ है। इसे हटाने के लिए 200 जवान लगाए गए हैं।
घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए हेलिकाप्टर की मदद ली जा रही है।
मैप के सहारे अफसर आस-पास के इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं।
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