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जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर रहने की उम्मीद
– फोटो : pixabay
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जीएसटी संग्रह जनवरी में रिकार्ड 1.21 से 1.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इससे राज्य जीएसटी संग्रह में कमी न्यूनतम 11,000 करोड़ रुपये रह जाएगी। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। जीएसटी संग्रह में खामियों को दूर करने के लिये किये गये प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है।
एसबीआई रिसर्च ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि दिसंबर 2020 में रिकार्ड 1.15 लाख करोड़ रुपये संग्रह के बाद जनवरी 2021 में जीएसटी संग्रह 1.21 से 1.23 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। और हो सकता है कि यह कुछ और ज्यादा रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, संग्रह किये गये आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) का 50 प्रतिशत हिस्सा भी मार्च तक राज्यों के बीच बांटा जाता है, तब पूर्ण रूप से क्षतिपूर्ति उपकर को ध्यान में रखते हुए राज्य जीएसटी में कमी केवल 11,000 करोड़ रुपये रह जाएगी।
इस बीच, सरकार के पास अधिशेष नकदी 28 जनवरी की स्थिति के अनुसार उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 3.34 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी। सितंबर 2020 में 1.08 लाख करोड़ रुपये और दिसंबर में 2.26 लाख करोड़ रुपये थी।
इससे सरकार को मामूली रूप से कुछ कम कर्ज लेना पड़ा है। सरकार ने 22 जनवरी तक की स्थिति के अनुसार 11.46 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और कैलेंड वर्ष के तहत शेष कुल 1.16 लाख करोड़ रुपये के ऋण के साथ कुल कर्ज 13.03 लाख करोड़ रुपये बैठता है जो पूर्व के 13.10 लाख करोड़ रुपये से कम है।
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह अप्रैल-दिसंबर, 2020 में 12 प्रतिशत घटकर 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं आबंटित आईजीएसटी 1.26 लाख करोड़ रुपये रहा जो 13 प्रतिशत कम है।
जीएसटी संग्रह जनवरी में रिकार्ड 1.21 से 1.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इससे राज्य जीएसटी संग्रह में कमी न्यूनतम 11,000 करोड़ रुपये रह जाएगी। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। जीएसटी संग्रह में खामियों को दूर करने के लिये किये गये प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है।
एसबीआई रिसर्च ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि दिसंबर 2020 में रिकार्ड 1.15 लाख करोड़ रुपये संग्रह के बाद जनवरी 2021 में जीएसटी संग्रह 1.21 से 1.23 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। और हो सकता है कि यह कुछ और ज्यादा रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, संग्रह किये गये आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) का 50 प्रतिशत हिस्सा भी मार्च तक राज्यों के बीच बांटा जाता है, तब पूर्ण रूप से क्षतिपूर्ति उपकर को ध्यान में रखते हुए राज्य जीएसटी में कमी केवल 11,000 करोड़ रुपये रह जाएगी।
इस बीच, सरकार के पास अधिशेष नकदी 28 जनवरी की स्थिति के अनुसार उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 3.34 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी। सितंबर 2020 में 1.08 लाख करोड़ रुपये और दिसंबर में 2.26 लाख करोड़ रुपये थी।
इससे सरकार को मामूली रूप से कुछ कम कर्ज लेना पड़ा है। सरकार ने 22 जनवरी तक की स्थिति के अनुसार 11.46 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और कैलेंड वर्ष के तहत शेष कुल 1.16 लाख करोड़ रुपये के ऋण के साथ कुल कर्ज 13.03 लाख करोड़ रुपये बैठता है जो पूर्व के 13.10 लाख करोड़ रुपये से कम है।
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह अप्रैल-दिसंबर, 2020 में 12 प्रतिशत घटकर 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं आबंटित आईजीएसटी 1.26 लाख करोड़ रुपये रहा जो 13 प्रतिशत कम है।
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