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दुर्लभ मामला: तेलंगाना में 65 साल की महिला के पेट से निकाला वॉलीबॉल के आकार का ट्यूमर, जन्म से था ट्यूमर; सालभर पहले दिखे लक्षण

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25 दिन पहले

कॉपी लिंक4 सेमी. चौड़े ट्यूमर को टुकड़ों में तोड़कर निकाला गया। सर्जरी 6 घंटे तक चली। - Dainik Bhaskar

4 सेमी. चौड़े ट्यूमर को टुकड़ों में तोड़कर निकाला गया। सर्जरी 6 घंटे तक चली।

एक साल पहले सीने और पेट में दर्द होने के बाद महिला डॉक्टर्स के पास पहुंचीकई महीने चले इलाज के बाद बायोप्सी की गई, रिपोर्ट में ट्यूमर की पुष्टि हुई

तेलंगाना में 65 साल की एक महिला के पेट से वॉलीबॉल के आकार का ट्यूमर निकाला गया। पिछले हफ्ते लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। डॉक्टर्स के मुताबिक, सबसे चौकाने वाली बात है कि महिला में यह ट्यूमर जन्म से था लेकिन उसे इससे जुड़े कोई लक्षण नहीं दिखे। महिला दो बच्चों की मां है।

एक साल पहले पेट दर्द शुरू हुआमहिला की सर्जरी तेलंगाना के मेडिकवर हॉस्पिटल हुई। सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स के मुताबिक, यह एक दुर्लभ मामला है। 1 साल पहले महिला के सीने और पेट के दाहिने हिस्से में दर्द शुरू हुआ। उल्टियां और बुखार के लक्षण दिख रहे थे। पेट के डॉक्टर से उसका इलाज चल रहा था।

दर्द की वजह पता लगाने के लिए बायोप्सी की गई। जांच में ट्यूमर की पुष्टि हुई। डॉक्टर्स के मुताबिक, यह ट्यूमर पिछले 30 सालों में बढ़कर बड़ा हो गया है।

फेफड़े के नीचे था ट्यूमरलेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. चिगुरुपति वेंकट पवन कुमार ने बताया, यह कैंसर वाला ट्यूमर नहीं था। यह फेफड़े के निचले हिस्से में था। ट्यूमर 4 सेंटीमीटर चौड़ा था। इसे निकालना बड़ी चुनौती थी। ट्यूमर को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के जरिए निकाला गया। इसमें 6 घंटे लगे।

ट्यूमर को कई टुकड़ों में तोड़कर निकालाडॉ. पवन कुमार के मुताबिक, ट्यूमर को टुकड़ों में तोड़कर निकाला गया। यह शरीर के जिस हिस्से में था वहां ट्यूमर के मामले कम ही देखने को मिलते हैं। फेफड़ों के नीचे होने के कारण ट्यूमर इस अंग को दबा रहा था। अगर ट्यूमर को समय पर नहीं निकाला जाता तो यह पेट में फट सकता था। इसका असर फेफड़े, लिवर, आंत पर होता।

अस्पताल में महिला का 10 दिन तक इलाज चला। पूरी तरह रिकवर होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

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