April 29, 2024 : 12:43 AM
Breaking News
लाइफस्टाइल

सेफ हेयर कलर की तैयारी: मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से 100% प्राकृतिक हेयर कलर बनाया, दावा; कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा

[ad_1]

Hindi NewsHappylifeScientists Created 100% Natural Hair Color From Bacteria Found In Soil, No Side Effects

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

ननु जोगिंदर सिंह (चंडीगढ़)19 दिन पहले

कॉपी लिंकपंजाब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 7 साल की मेहनत के बाद अब फाइल किया पेटेंटलैब कंडीशन पर 20 शैंपू पर भी टिका रंग, सामान्य स्थिति में भी 10 शैंपू तक रहेगा​​​​

उम्र से पहले बाल सफेद होना एक आम समस्या है। जब इन्हें डाई किया जाता है तो केमिकल के कारण बालों का गिरना, झड़ना और बाकी बालों का भी समय से पहले सफेद होना शुरू हो जाता है। इस समस्या से परेशान लोगों ने लिए पंजाब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 100 फीसदी प्राकृतिक हेयर कलर तैयार किया है। खास बात यह है कि इसे मिट्‌टी में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया से तैयार किया गया है, इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं दिखा है।

बैक्टीरिया को आइसोलेट करके बनाया कलर

पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया को आइसोलेट करके कलर तैयार किया है। लगभग सात साल से इसपर काम चल रहा था और अब यूनिवर्सिटी ने पेटेंट फाइल किया है। ‘केमिकल फ्री यूजर फ्रेंडली हेयर डाइंग फार्मूलेशन’ के इनवेंटर हैं प्रो नवीन गुप्ता। इनके साथ उनके छात्र डॉ. दीपक कुमार, राहुल वरमूटा और को-इनवेंटर प्रो प्रिंस शर्मा हैं।

ऐसे तैयार हुआ हेयर कलरप्रो गुप्ता ने बताया कि जब हेयर डाई करते हैं तो एक कलर होता है और एक डेवलपर। दोनों में ही केमिकल का उपयोग होता है। डेवलपर में हाइड्रोजन पराक्साइड का उपयोग होता है और बालों में कलर को रखने के लिए अमोनिया का प्रयोग होता है। अमोनिया का हल तो बाजार में है, लेकिन बाकी चीजों का अभी तक नहीं है।

कलर में हाइड्रोजन पराक्साइड केमिकल की जरूरत नहीं

प्रो. गुप्ता ने एक बैक्टीरिया पर रिसर्च पढ़ी कि वह एल्कालाइन है। धीरे-धीरे इस एरिया में रिसर्च शुरू की तो पता चला कि इससे बने कलर में हाइड्रोजन पराक्साइड डालने की जरूरत नहीं रहेगी। सैलून से बाल लेकर उन्होंने इसे लैब में ट्राई किया। लैब के स्तर पर ये कलर 15-20 बार शैंपू करने तक बना रहता है जबकि आम माहौल में भी इसके 10 शैंपू तक बने रहने की संभावना है।

रिसर्चर ने इससे पहले किया पानी पर बड़ा कामनेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की रैकिंग में आईआईटी के बाद टॉप यूनिवर्सिटी में पंजाब यूनिवर्सिटी का स्थान रहता है। इस तरह की रैकिंग में सबसे ज्यादा अंक शोध के ही मिलते हैं। एक अन्य प्राइवेट वर्ल्ड एजुकेशन रैंकिंग 2021 के मुताबिक, पंजाब यूनिवर्सिटी देश में चौथे नंबर पर है। रिसर्चर डॉ नवीन गुप्ता सुखना लेक में नदीन और टर्शरी वाटर के इस्तेमाल के बाद पानी में आनी वाली बदबू समेत चंड़ीगढ़ की कई समस्याओं का हल निकाल चुके हैं।

[ad_2]

Related posts

सभी से मित्रों की तरह व्यवहार करेंगे तो कई लोगों से मित्रता होगी, इन मित्रों में से कोई एक ऐसा सच्चा मित्र मिलेगा जो बुरे समय में साथ देगा

News Blast

कोरोना इंसानी कोशिका को घेरकर उसमें घुस जाता है, 20 लाख गुना जूम करके उतारी तस्वीरों से पता चला

News Blast

सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को मंगलवार को सफलता मिल सकती है, मानसिक तनाव दूर हो सकता है

News Blast

टिप्पणी दें