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सीरम इंस्टीट्यूट – पुणे
– फोटो : ANI
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सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संयंत्र में लगी आग से जान बचाकर बाहर निकले एक मजदूर ने बताया कि आग लगने की सूचना देने आए सुपरवाइजर सुधांशु कुमार अचानक लपटों में घिर गए और उसने चौथी मंजिल से कूदकर जैसे-तैसे जान बचाई।
यूपी के प्रतापगढ़ के रहने वाले सुधांशु कुमार ने कहा हम इमारत की चौथी मंजिल पर थे। अचानक धुआं महसूस होने लगा चीख-पुकार मचने लगी लोग आग आग चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे। तभी हमारे सुपरवाइजर विपिन सरोज ने चिल्लाकर कहा कि यहां से निकलो, आग सीढ़ियों की तरफ बढ़ रही है।
इस मंजिल पर हम आठ लोग थे। मैंने और पांच अन्य लोगों ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। हमारी जान बच गई पर सुपरवाइजर विपिन का पता नहीं चला। उनका मोबाइल भी बंद था। बाद में खबर आई कि वह नहीं रहे। हमें सचेत करने के बाद वह लपटों में घिर गए और उनकी जान चली गई।
सुधांशु ने बताया, बाद में पता चला कि विपिन और रमाशंकर इमारत में फंस गए थे। हमें पता नहीं चल रहा था कि उनके साथ क्या हुआ। अंदर से कोई जानकारी भी नहीं दे रहा था। रात करीब नौ बजे हमें बताया गया कि उन लोगों की जान चली गई है। हम सभी प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं और जिनकी जान गई है उनके घर से भी अब फोन आ रहे हैं। हम पिछले डेढ़ महीने से यहां इंसुलेशन का काम कर रहे थे।
मृतकों में दो यूपी, एक बिहार और दो पुणे के मजदूरघटनास्थल का दौरा करने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मृतकों में दो उत्तर प्रदेश, दो पुणे और एक बिहार का मजदूर था। उन्होंने कहा कि आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया है। अजीत पवार पुणे के गार्डियन मंत्री भी हैं।
500 लोगों को बचाया गयापुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने कहा आग से 500 लोगों को बचाया गया है। प्लांट में वेल्डिंग का काम चल रहा था। माना जा रहा है कि शार्ट सर्किट से यह आग लगी।
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्मातापुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता है। यहां हर साल डिप्थीरिया टिटनेस, पीक्यूसी, एचआईवी, बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, मीजल्स मम्प और रुबेला की वैक्सीन के 1.5 डोज बनाए जाते हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने किया था उद्घाटनप्लांट का उद्घाटन पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया था। हालांकि अभी इस प्लांट में कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाना है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संयंत्र में लगी आग से जान बचाकर बाहर निकले एक मजदूर ने बताया कि आग लगने की सूचना देने आए सुपरवाइजर सुधांशु कुमार अचानक लपटों में घिर गए और उसने चौथी मंजिल से कूदकर जैसे-तैसे जान बचाई।
यूपी के प्रतापगढ़ के रहने वाले सुधांशु कुमार ने कहा हम इमारत की चौथी मंजिल पर थे। अचानक धुआं महसूस होने लगा चीख-पुकार मचने लगी लोग आग आग चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे। तभी हमारे सुपरवाइजर विपिन सरोज ने चिल्लाकर कहा कि यहां से निकलो, आग सीढ़ियों की तरफ बढ़ रही है।
इस मंजिल पर हम आठ लोग थे। मैंने और पांच अन्य लोगों ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। हमारी जान बच गई पर सुपरवाइजर विपिन का पता नहीं चला। उनका मोबाइल भी बंद था। बाद में खबर आई कि वह नहीं रहे। हमें सचेत करने के बाद वह लपटों में घिर गए और उनकी जान चली गई।
सुधांशु ने बताया, बाद में पता चला कि विपिन और रमाशंकर इमारत में फंस गए थे। हमें पता नहीं चल रहा था कि उनके साथ क्या हुआ। अंदर से कोई जानकारी भी नहीं दे रहा था। रात करीब नौ बजे हमें बताया गया कि उन लोगों की जान चली गई है। हम सभी प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं और जिनकी जान गई है उनके घर से भी अब फोन आ रहे हैं। हम पिछले डेढ़ महीने से यहां इंसुलेशन का काम कर रहे थे।
मृतकों में दो यूपी, एक बिहार और दो पुणे के मजदूर
घटनास्थल का दौरा करने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मृतकों में दो उत्तर प्रदेश, दो पुणे और एक बिहार का मजदूर था। उन्होंने कहा कि आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया है। अजीत पवार पुणे के गार्डियन मंत्री भी हैं।
500 लोगों को बचाया गया
पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने कहा आग से 500 लोगों को बचाया गया है। प्लांट में वेल्डिंग का काम चल रहा था। माना जा रहा है कि शार्ट सर्किट से यह आग लगी।
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता है। यहां हर साल डिप्थीरिया टिटनेस, पीक्यूसी, एचआईवी, बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, मीजल्स मम्प और रुबेला की वैक्सीन के 1.5 डोज बनाए जाते हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने किया था उद्घाटन
प्लांट का उद्घाटन पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया था। हालांकि अभी इस प्लांट में कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाना है।
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