May 11, 2024 : 10:48 AM
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घर खरीदारों की मुश्किल: स्टील महंगा होने से कंस्ट्रक्शन खर्च बढ़ा, बढ़ सकते हैं घरों के दाम

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Hindi NewsBusinessBad News For Home Buyers; Cement Steel Price Hike, Cost Of Building House Increased By Rs 150 Per Square Foot

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नई दिल्ली2 दिन पहले

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स्टील के आसमान छूते भाव अब खरीदारों को भी परेशान करने वाले हैं। आने वाले दिनों में घरों की कीमत बढ़ेगी। डेवलपर्स के अनुसार स्टील के दाम बढ़ने की वजह से घर बनाने का खर्च प्रति वर्ग फुट 150 रुपए तक बढ़ गया है। इससे एक हजार स्क्वायर फीट के घर की कीमत 1.5 लाख रुपए तक बढ़ सकती है।

एक हफ्ते में स्टील 2,750 रुपए प्रति टन महंगा हुआ

बीते एक साल के दौरान मुंबई में स्टील का थोक भाव 55% बढ़कर 58 हजार रुपए प्रति टन पर पहुंच गया है। यह 1 जनवरी 2020 को 37.5 हजार रुपए प्रति टन था। ब्रोकरेज कंपनी इडलवाइज के मुताबिक थोक स्टील का दाम बीते एक हफ्ते में 2,750 रुपए प्रति टन बढ़ा है। इसके बाद स्टील डीलरों ने भी दाम बढ़ाए हैं।

घर बनाने में प्रति स्क्वायर फीट 10 किलो स्टील का इस्तेमाल

मध्य प्रदेश क्रेडाई के अध्यक्ष वासिक हुसैन ने बताया कि घर बनाने में प्रति स्क्वायर फीट 10 किलो स्टील का इस्तेमाल होता है। कीमत बढ़ने से इसकी लागत 550 रुपए से 600 रुपए के करीब हो गई है, जो पहले 400 रुपए थी। यानी एक औसत घर जिसका क्षेत्रफल दो हजार स्क्वायर फीट है, उसे बनाने का खर्च करीब 3 लाख रुपए तक बढ़ जाएगा। इसका सीधा असर घर खरीदारों की जेब पर पड़ेगा।

कच्चे माल की भी कीमत बढ़ी

कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले स्टील का ज्यादातर उत्पादन दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों के छोटे और सेकंडरी मिल करते हैं। कोरोना के कारण कामगारों की कमी और कच्चे माल के आसमान छूते भाव की वजह से इनका उत्पादन घटा है। सरकारी खनन कंपनी NMDC ने आयरन ओर की कीमत बीते 6 महीने में 135% बढ़ा दी है। दिसंबर में इसकी कीमत 4,610 रुपए टन हो गई, जो जून में 1,960 रुपए प्रति टन थी।

स्टील की बढ़ती कीमत से सरकार चिंतित

स्टील की बढ़ती कीमत पर सरकार भी चिंतित है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को स्टील उत्पादक कंपनियों के साथ-साथ सीमेंट कंपनियों को भी कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि स्टील और सीमेंट बढ़ते भाव से सरकार की परियोजनाओं को झटका लगेगा। सरकार की योजना 5 सालों में करीब 111 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की है।

समस्या के निदान के लिए रेगुलेटर की जरूरत

गडकरी ने कहा कि स्टील और सीमेंट की कीमत पर नियंत्रण के लिए एक रेगुलेटर का सुझाव है, लेकिन यह उनके हाथ में नहीं। हालांकि इसके लिए वो वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री से बात करेंगे।

आगे भी स्टील और सीमेंट के बढ़ते भाव से नहीं मिलेगी राहत

वासिक हुसैन कहते हैं कि अगर स्टील उत्पादक कंपनियां सांठगांठ कर भाव बढ़ा रहीं हैं, तो यह कंपनी एक्ट के खिलाफ है। यानी एक तरह का अपराध है। कंपनियां मजदूरों के वेतन में तो कोई बढ़ोतरी नहीं कर रहीं हैं। दाम का बढ़ना आगे भी जारी रहने वाला है क्योंकि उन कंपनियों पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है।

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