May 19, 2024 : 7:13 PM
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किसान आज फिर सरकार से बात करेंगे: कृषि कानून लागू करने का फैसला राज्यों पर छोड़ने का प्रपोजल रख सकती है सरकार

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Hindi NewsNationalFarmers Protest: Kisan Andolan Delhi Burari LIVE Update | Haryana Punjab Farmers Delhi Chalo March Latest News Today 8 January

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नई दिल्ली8 मिनट पहले

किसान आंदोलन का आज 44वां दिन है। आज किसानों की सरकार के साथ 9वें दौर की मीटिंग होगी। इस बार भी किसानों का स्टैंड साफ है। उनका कहना है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और MSP पर अलग कानून बने। इससे पहले गुरुवार को किसानों ने दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालकर ताकत दिखाई।

राज्यों पर छोड़ा जा सकता है कानून लागू करने का फैसला

कृषि कानूनों को लागू करने का फैसला केंद्र अब राज्य सरकारों पर छोड़ सकता है। डेरा नानकसर के मुखी बाबा लक्खा सिंह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से गुरुवार को एक मीडिएटर (मध्यस्थ) के तौर पर मुलाकात की।सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने बाबा लक्खा सिंह को बताया कि सरकार अब एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसमें राज्य सरकारों को कृषि कानून लागू करने या न करने की छूट दी जाएगी।चर्चा है कि आज की बैठक में केंद्र सरकार किसानों के सामने इस प्रस्ताव का खुलासा कर सकती है। अगर किसान इस पर सहमति जताते हैं तो आंदोलन खत्म होने की संभावना बन जाएगी।

डेरा नानकसर के मुखी की कृषि मंत्री से ढाई घंटे चर्चाडेरा नानकसर भी किसान आंदोलन में शामिल है। कृषि मंत्री से मीटिंग के बारे में बाबा लक्खा सिंह ने बताया-

करीब पौने दो घंटे में कई अहम मुद्दों पर बात हुई। मैंने कृषि मंत्री से कहा कि अगर आप की बात किसी मुद्दे पर खत्म नहीं होती, तो क्या आप उन स्टेट को कानूनों से बाहर रख सकते हैं, जिनमें काफी विरोध है।इस बात को लेकर तोमर ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसानों से बात करने को तैयार हैं। जो राज्य कानून को लागू करना चाहें, वे करें और जो नहीं चाहते वे नहीं करें।

पंजाब भाजपा के नेता अमित शाह से मिलेपंजाब में भाजपा नेताओं के घेराव और हमले को लेकर पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई। पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा पर हमला हुआ, फिर पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद के घर पर लोगों ने ट्रॉली भर गोबर फेंक दिया था।

पिछली 8 में से सिर्फ 1 बैठक का नतीजा निकलापहला दौरः 14 अक्टूबरक्या हुआः मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे।दूसरा दौरः 13 नवंबरक्या हुआः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।तीसरा दौरः 1 दिसंबरक्या हुआः तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे।चौथा दौरः 3 दिसंबरक्या हुआः साढ़े 7 घंटे तक बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।5वां दौरः 5 दिसंबरक्या हुआः सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।6वां दौरः 8 दिसंबरक्या हुआः भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया।7वां दौर: 30 दिसंबरक्या हुआ: नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी।8वां दौर: 4 जनवरीक्या हुआ: 4 घंटे चली बैठक में किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े रहे। मीटिंग खत्म होने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है।

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