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बजट पर केंद्र को मिले कई अनूठे सुझाव: तीन साल तक सरकार वसूले कोविड सेस, आईटी रिटर्न में विवाह खर्च दिखा सकें

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2 घंटे पहलेलेखक: अनिरुद्ध शर्मा

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अगले साल 1 फरवरी को देश की संसद के समक्ष पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। हर साल की तरह वित्त मंत्रालय ने नागरिकों, अर्थशास्त्रियों, आर्थिक संस्थाओं, औद्योगिक व कारोबारी संघों से सुझाव मांगे हैं। अभी कुछ औद्योगिक संघों और संस्थाओं ने अपने सुझाव सौंपे हैं, कुछ आने वाले हफ्ते में देने वाले हैं। इन सुझावों पर नजर डालें तो देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी का असर साफ नजर आता है।

पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और एसोचैम की ओर से मिले सुझावों में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाने जैसे परंपरागत सुझावों के साथ ही कई नए विचार भी दिख रहे हैं। एक सुझाव दिया गया है सालाना 10 लाख रुपए से अधिक आय वालों से सरकार अगले 3 साल तक 1% कोविड रिलीफ सेस वसूले।

व्यक्तिगत कर निर्धारण से जुड़े सुझावों में जहां इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन की मांग की गई है, वहीं एक सुझाव यह भी आया है कि इनकम टैक्स रिटर्न में शादी के खर्च को भी अलग दिखाने की छूट दी जाए। आईसीएआई ने सुझाव दिया है कि 10 साल या इससे ज्यादा अवधि का जीवन बीमा आयकर के दायरे से बाहर किया जाए। जानिए, ऐसे ही कुछ रोचक और महत्वपूर्ण सुझाव-

हेल्थकेयर सेक्टर को मिले मुनाफे पर 50% तक की टैक्स छूट

10 लाख रुपए से अधिक आय वालों से अगले तीन साल तक 1% की दर से कोविड रिलीफ सेस वसूला जाए।हेल्थकेयर सेक्टर की संस्थाओं को 4 साल के लिए टैक्स हॉलिडे मिले यानी मुनाफे पर 50% टैक्स की छूट मिले।महामारी के दौरान उल्लेखनीय सेवा देने वालों को 2021-22 में 30% की विशेष छूट मिले।टूरिज्म के लिए स्टिमुलस पैकेज जारी हो। होटल में जहां कमरे का किराया प्रतिदिन 7500 रुपए प्रति दिन या उससे अधिक है, वहां जीएसटी की दर 18 से घटाकर 12% की जाए।महामारी से प्रभावित होने वाले उद्योगों से जुड़े करदाताओं को टीडीएस की दर में अगले दो साल तक 50 फीसदी की कटौती की छूट मिले।

स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जाए

पीएचडी चैंबर्स ने कहा है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए किया जाए।धारा-80 सी के तहत करमुक्त निवेश की सीमा 1.50 लाख से बढ़ा 1.90 लाख या 3 लाख की जाए।होम लोन पर ब्याज कटौती की सीमा 2 लाख से बढ़ा 3 लाख की जाए। कर्ज लेने के लिए घर पर कब्जा पाने की 5 साल की समयसीमा भी हटे।इलेक्ट्रिक व्हीकल लोन पर ब्याज पर छूट की सीमा 3 लाख की जाए। हर ऑटोमोबाइल खरीद पर यह छूट मिले।चीन से बराबरी के लिए जरूरी है कि भारतीय उद्योगों को 20% का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिया जाए।मेट्रो सिटी की परिभाषा में बदलाव कर नोएडा, गुरुग्राम में भी दिल्ली के समान एचआरए मिले।

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