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अमेरिकी प्रतिबंध का इफेक्ट: चीनी कंपनी हुवावे ने अपने सब-ब्रांड ऑनर को बेचा, पिछले 2 सालों से कंपनी कर रही थी संघर्ष

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नई दिल्ली23 मिनट पहले

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पिछले साल ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में हुवावे बिक्री के मामले नंबर-1 पर थी

हुवावे और शेन्जेन के बीच यह डील करीब 15.2 बिलियन डॉलर में हुई हैऑनर के 7000 कर्मचारियों को भी शेन्जेन में ट्रांसफर कर दिया जाएगा

अमेरिका के चीनी कंपनियों के बीच चल रहे तनाव का असर अब चीनी कंपनी हुवावे पर नजर आ रहा है। हुवावे ने अपने सब-ब्रांड ऑनर स्मार्टफोन के बिजनेस को बेच दिया है। कंपनी ने भी इसकी पुष्टि की है। कंपनी अपने बजट स्मार्टफोन बिजनेस को बेचकर ब्रांड के असतित्व को बचाने में लगी हुई है।

खरीदारों के एक कंसोर्टियम ने बताया कि उसने हुवावे के ऑनर स्मार्टफोन ब्रांड का अधिग्रहित किया है। खरीदारों में बजट ब्रांड के 30 से अधिक चीनी एजेंट और डीलर शामिल रहे। बता दें कि हुवावे पिछले दो सालों से अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच हुवावे को अपने बिजनेस को लेकर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा था।

15 बिलियन डॉलर में बिकी कंपनीचीन में ही स्थित कंपनी शेनज़ेन झिक्सिन न्यू इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को ऑनर की व्यवसायिक संपत्तियां बेची जा रही हैं। खबरों के मुताबिक, हुवावे और शेनज़ेन के बीच यह डील करीब 15.2 बिलियन डॉलर (100 बिलियन युआन) में हुई है। इस डील से ऑनर के चैनल सेलर और सप्लायर्स को इस मुश्किल घड़ी से उबरने में मदद मिलेगी।

अमेरिका में ऑनर स्मार्टफोन को प्रतिबंधों के घेरे में लाए जाने की वजह से हुवावे को किसी भी अमेरिकी कंपनी के साथ बिजनेस करने की मनाही थी।

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, “एक बार ऑनर को बेच दिए जाने पर हुवावे के पास इसका कोई शेयर नहीं होगा। हुवावे इसके व्यवसाय प्रबंधन में किसी भी तरह से शामिल नहीं होगा। ना ही हुवावे के पास नई ऑनर कंपनी को लेकर निर्णय लेने संबंधी अधिकार होंगे। कंपनी के अस्तित्व को बनाए रखने या इसे सुचारू रूप से जारी रखने के लिए ऑनर के इंडस्ट्री चेन ने यह कदम उठाया है।

अमेरिकी प्रतिबंध से हुआ नुकसानहुवावे को पिछले दो साल से अमेरिकी प्रतिबंध झेलना पड़ रहा है और गूगल और क्वालकॉम जैसी अमेरिकी कंपनियों के साथ बिजनेस की मनाही के बाद से हुवावे और ऑनर दोनों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। ट्रम्प प्रशासन ने अपने स्मार्टफोन और 5G टेलीकम्युनिकेशन इक्युपमेंट में इस्तेमाल होने वाले चिपसेट और सॉफ्टवेयर जैसी जरूरी टेक्नोलॉजी से जुड़ी सभी चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनका ऐसा मानना है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। बता दें कि हुवावे 5G टेलीकम्युनिकेशन से जुड़ी सबसे बड़ी कंपनी थी।

2013 में लॉन्च हुई थी कंपनीहुवावे ने ऑनर ब्रांड को साल 2013 में लॉन्च किया था। कंपनी इस ब्रांड के तहत बजट और मिडरेंज स्मार्टफोन को लॉन्च करती थी और पिछले 7 सालों में ऑनर ने बाजार में 70 मिलियन यूजर्स के साथ अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी। अब ऑनर के 7000 कर्मचारियों को भी शेनज़ेन में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

ग्लोबल मार्केट में पिछड़ी हुवावेपिछले साल ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में हुवावे बिक्री के मामले नंबर-1 पर थी। इस बार सैमसंग ने उसे पछाड़ दिया। पिछले दिनों आई इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (IDC) रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त महीने में कोरियन कंपनी सैमसंग की ग्लोबल मार्केट में साझेदारी 22 फीसदी हो गई है। वहीं पिछले साल टॉप पोजिशन पर रही हुवावे इस बार दूसरे स्थान पर है। हुवावे की मार्केट में हिस्सेदारी अगस्त महीने में गिरकर 16 फीसदी रह गई, जो अप्रैल महीने में 21 फीसदी थी।

आईडीसी और कैनलिस के अनुसार, सैमसंग पहले ही जुलाई-सितंबर तिमाही में शीर्ष स्थान हासिल कर चुकी है। वहीं, हुवावे को ग्लोबल स्मार्टफोन बिक्री के लिए दूसरा स्थान मिला है।

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