राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा – फोटो : ANI
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राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में पत्रकारों से बातचीत में रेखा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद राज्य महिला आयोग का गठन नहीं हुआ है। राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण महिलाओं की शिकायतों से संबंधित चार हजार प्रकरण सुनवाई के लिए प्रलंबित हैं। इसलिए हमने राज्यपाल से कहा है कि जब तक राज्य महिला आयोग का गठन नहीं होगा तब तक राष्ट्रीय महिला आयोग की एक सदस्य हर महीने सुनवाई के लिए मुंबई आएंगी। यहां महिलाएं अपनी शिकायतें कर सकेंगी। रेखा शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के उपचार के लिए बनाए गए कोविड सेंटर में महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं को टालने के लिए सरकार को उपाय करना चाहिए। इसके लिए मानक संचालन प्रणाली (एसओपी) बनाने के अलावा अन्य उपाय योजनाओं का भी सख्ती से पालना करना जरूरी है।
कोविड सेंटर में दुष्कर्म और छेड़छाड़ के 11 प्रकरण शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना काल के दौरान कोविड सेंटर में दुष्कर्म, छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के 11 प्रकरण राष्ट्रीय महिला आयोग के संज्ञान में लाया गया था। इस पर राज्य के मुख्य सचिव संजय कुमार, मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अफसरों से जानकारी ली गई है। शर्मा ने कहा कि महिला अत्याचार मामले में पीड़िता को मदद, परामर्श आदि सहायता करने के लिए कार्यरत वन स्टॉप सेंटर्स अच्छे तरीके से काम कर रहा है। राज्य के बाकी के 19 जिलों में भी वन स्टॉप सेंटर्स को कार्यरत करना जरूरी है।
महिला सुरक्षा के पीछे है राजनीतिक एजेंडा -यशोमति
आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष शर्मा के बिना मिले दिल्ली लौट जाने पर मंत्री यशोमति ठाकुर ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के बारे में रेखा शर्मा का केवल राजनीतिक एजेंडा नजर आ रहा है। ठाकुर ने कहा कि मैंने महिला आयोग की अध्यक्ष को मुलाकात के लिए मंगलवार की सुबह 11 बजे का समय दिया था। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल से मिलने के बाद मैं मिलने आऊंगी लेकिन मैं इंतजार करती रह गई। लेकिन मिलने के लिए नहीं आई।