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48 राज्यों से तय नहीं हुए नतीजे तो नवंबर मध्य तक करना होगा इंतजार, दो राज्यों में 9 नवंबर तक काउंटिंग होगी

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वॉशिंगटन7 घंटे पहले

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया जटिल होती है। कोरोनावायरस ने मुश्किल और बढ़ा दी। अब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने परेशानियों में इजाफा ही किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना में मेल इन बैलट्स की गिनती इलेक्शन डे के बाद तक होती रहेगी। फैसले से डेमोक्रेट्स खुश हैं तो ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी नाराज।

पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह जानिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना में मेल इन बैलट तीन नवंबर के तीन दिन बाद तक (6 नवंबर) रिसीव किए जाएंगे। इनकी काउंटिंग भी होगी। इनकी गिनती इलेक्शन डे के 9 दिन बाद तक की जा सकेगी। मोटे तौर पर आप इसे 12 नवंबर तक मान सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला तीन वजहों से किया। पहली- इन राज्यों से काफी ज्यादा मेल इन बैलट्स मिल रहे हैं। दूसरी- महामारी की वजह से वोटर्स को दिक्कत हो रही है। तीसरी- राज्यों के आकार के हिसाब से वोटिंग अरेंजमेंट्स नहीं हुए। हालांकि, विस्कॉन्सिन के मामले में कोर्ट डेमोक्रेट्स की यही मांग खारिज कर दी।

असर क्या होगा?
इलेक्शन डे पर 48 राज्यों में वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। मान लीजिए इसमें अंतिम और निर्णायक फैसला नहीं हुआ तो यह पता नहीं लग पाएगा कि बाइडेन जीते या ट्रम्प। ऐसे में खास तौर पर पेन्सिलवेनिया के मेल इन बैलट्स बेहद अहम हो जाएंगे। इनकी गिनती जरूरी होगी। इन वोटों की गिनती अलग से होगी और इन्हें अलग ही रखा जाएगा। 28 राज्यों में मेल इन बैलट्स इलेक्शन डे तक ही मिलने की शर्त है। 20 राज्यों में इनका एक दिन पहले तक मिलना जरूरी है।

जस्टिस बैरट ने हिस्सा नहीं लिया
ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा हाल में अपॉइंट की गईं सुप्रीम कोर्ट की जज एमी कोने बैरट ने खुद को सुनवाई से दूर रखा। उनके मुताबिक, वे दोनों पार्टियों के पक्ष और उनकी दलीलों का अध्यन नहीं कर पाईं, क्योंकि वक्त कम था। हालांकि, यह साफ हो गया कि महामारी अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया को किस हद तक प्रभावित कर रही है। एब्सेंटी और मेल इन बैलट्स अधिकारियों की परेशानियों में इजाफा कर रहे हैं। ये भी साफ है कि ये वोट महामारी के चलते बढ़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महामारी की वजह से पोस्टल सर्विस पर असर पड़ा है।

तो क्या सुप्रीम कोर्ट में होगा राष्ट्रपति का फैसला
जवाब मिलाजुला है। हो भी सकता है और नहीं भी। अगर 48 राज्यों से साफ नतीजे आ गए तो पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना के मेल इन बैलट्स का इंतजार बहुत मायने नहीं रहेगा। लेकिन, मुकाबला कड़ा और करीबी हुआ। दोनों पार्टियों ने मामला कोर्ट में खींचा तो ये संभव है कि सियासी जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। ऐसा हुआ तो रिपब्लिकन पार्टी को फायदा होगा। ट्रम्प खुद तीन जजों को सुप्रीम कोर्ट में अपॉइंट कर चुके हैं।

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