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- Jyotiraditya Scindia | Tulsi Silawat Hit Back At Digvijay Singh Son Jayavvardhan Singh Over Statement Against Jyotiraditya Scindia
भोपाल21 मिनट पहले
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मध्यप्रदेश में गद्दार के बयान को लेकर अब जयवर्धन सिंह और तुलसी सिलावट आपस में भिड़ गए हैं।
- तुलसी बोले – आप उम्र में छोटे हैं इसलिए अभी तक जवाब नहीं दे रहा था, पर आज हद ही पार कर दी
- जयवर्धन ने कहा – सिंधिया के लिए सत्य के मायने अलग हैं, 1857 में जो गद्दारी की थी वह उनका सत्य था
मध्यप्रदेश में चुनावी जंग में विकास और आम लोगों की बात न होकर निजी हमले हो रहे हैं। पहली बार गद्दार के बयान को लेकर दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप लगाने में जुटे हुए हैं। अब ताजा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह के ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार कहने पर सांवेर से भाजपा के उम्मीदवार तुलसी सिलावट भड़क गए हैं। तुलसी ने कहा आप उम्र में छोटे हैं इसलिए अभी तक जवाब नहीं दे रहा था, लेकिन आज हद पार कर दी। बोले दिग्गी के परिवार के अकबर से लेकर जाकिर नाइक तक के किस्से गिना दूं क्या?
जयवर्धन ने सिंधिया को घेरा
जयवर्धन ने कहा कि सिंधिया के लिए सत्य के मायने अलग है। 1857 में जो गद्दारी की थी, उस समय उसको भी यह सत्य की जीत का नाम ही देते थे। जो सत्य था आज इतिहास उसका गवाह है। संयम रखिए… “जनमत और इतिहास न्याय करेगा”। प्रदेश की 28 सीटों पर संभावित हार के डर से इमरजेंसी में दुगनी कीमत पर खरीदी की गई है। बस यही कहना चाहता हूं कि इतिहास घास की रोटी खाने वालों के साथ खड़ा है।
हम आखिरी सांस तक जनता के अधिकार, लोकतंत्र और संविधान के लिए लड़ेंगे। दिल्ली में भाजपा की सरकार बैठी है। भोपाल में भी भाजपा की सरकार बैठी है। फिर ये बताएं प्रदेश के किसानों को यूरिया क्यों नहीं मिल पा रहा है। लालच और स्वार्थ की लड़ाई को उसूलों का नाम देकर महा धोखा किया गया है। 35 करोड़ का पिटारा खुल चुका है।
हताश, निराश गद्दारों को विश्वास हो गया है की वो चुनाव हार रहे हैं, इसलिए पैसा बांटने का आखिरी दाव चला जा रहा है। चुनाव आयोग भले ही धृतराष्ट्र बन जाए, पर ये जनता कृष्ण बनकर न्याय करेगी। महाराज छाती पीटकर लाल-पीले होकर तम तमा कर बोल रहे हो, चुनाव मैं लड़ रहा हूं। यह चुनाव मेरा है। सबको मालूम है कि यह चुनाव आपके व्यक्तिगत अहम के कारण ही प्रदेश को भोगना पड़ रहा है, जिस समय दुनिया कोविड से लड़ रही थी। आपने प्रदेश को चुनाव लड़ने पर मजबूर कर दिया
तुलसी का पलटवार
जयवर्धन के आरोपों पर भड़के तलसी ने कहा कि आप उम्र में छोटे हैं। इसलिए अभी तक जवाब नहीं दे रहा था। महाराष्ट्र में आपकी सहयोगी शिवसेना ने सामना में लिखा और कई अखबार आपके पूर्वजों की देश और धर्म के साथ गद्दारी के किस्सों से रंगे पड़े है। एक शीर्षक है- मुगलों और अंग्रेजों के मुखबिर थे दिग्गी के पूर्वज। सच को खंडित नहीं किया जा सकता हुजूर। पहले मराठा युद्ध में गरीबदास की भूमिका को कैसे खंडित करेंगे?
जाकिर नाइक जैसे दरिंदे को शांति दूत मानने को कैसे खंडित करेंगे? और हां शिवसेना के उद्धव जी ने जिन शब्दों के साथ आपके परिवार का आदर किया था। उनसे भी उसका खंडन करवाएंगे क्या? इस पर जयवर्धन ने कहा कि खंडन तो किया था, वो बात अलग है कि वो सामना में नही छप सकता है। हमारे यहां एक गांव है विजयपुर, जिसका नाम विजयपुर तात्या टोपे द्वारा अंग्रेजों पर विजय के उपरांत रखा गया था।
उस युद्ध में हमारे पूर्वजों का भी सहयोग था। जीवित सबूत भी मौजूद है, ज्यादा जानकारी के लिए विजयपुर ही चले जाएं। संत पीपाजी हमारे पूर्वज हैं। हमारे परिवार के पास हिंदुपत की उपाधि है। संत पीपाजी और हिंदुपत के वारे में जानकारी प्राप्त कर ले इतिहास का पता चल जाएगा। इस पर तुलसी बोले- पीपाजी का नाम लेकर मुगलों की और अंग्रेजों की मुखबिरी को जस्टिफाई करने की कोशिश मत कीजिए हुजूर। बात निकली है, तो बहुत दूर तक जाएगी।