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रिकवरी के बाद 3 तरह से परेशान हो रहे मरीज, सीने में दर्द, सांस में तकलीफ और भूख न लगने के लक्षण दिखें तो एक्सपर्ट की ये बातें ध्यान रखें

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  • Coronavirus Recovered Patient Side Effects; Here’s Updates From Delhi Respiratory Medicine Expert Dr. Nikhil Modi

एक घंटा पहले

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  • डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिसीज के मरीज खाने में फल, सब्जियां और अंकुरित दालें लें
  • ब्लड प्रेशर के मरीज दवाएं लेना मत छोड़ें और शरीर में ऑक्सीजन का लेवल चेक करते रहें

कोरोना से रिकवरी के बाद पिछले दो महीने से 20 फीसदी मरीज हॉस्पिटल वापस पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या बुजुर्गों की है। ये हृदय व फेफड़े से जुड़ी दिक्कतें और पोस्ट कोविड इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम से जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं इनमें थकान, कमजोरी, भूख न लगने के लक्षण भी दिख रहे हैं। रिकवरी के बाद कोरोना के असर को कैसे कम करें और कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं, इसे एक्सपर्ट से समझिए।

रिकवरी के बाद 3 तरह से मरीज परेशान हो रहे
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली के पल्मोनरी एंड रेस्पिरेट्री मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. निखिल मोदी कहते हैं, रिकवरी के बाद कोरोना के मरीज इन 3 तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं।

1. लंग्स फायब्रोसिस : फेफड़ों के टिश्यू का डैमेज होना
डॉ. निखिल मोदी ने बताया, कोविड से रिकवरी के बाद मरीज लंग फाइब्रोसिस से जूझ रहे हैं। मेरे पास 72 और 64 साल के ऐसे मरीज आए। उन्हें 4 से 6 हफ्ते तक स्टेरॉयड दिए गए। चेस्ट और लंग्स की फिजियोथैरेपी कराई गई। इसके साथ खानपान में बदलाव करने के बाद उनकी रिकवरी हुई। लंग्स फायब्रोसिस में मरीज के फेफड़े में मौजूद टिश्यु डैमेज हो जाते हैं और सख्त होने लगते हैं। कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में इसके मामले सामने आ रहे हैं।

2. ब्रॉन्काइटिस और अस्थमा जैसे लक्षण
रिकवर होने वालों में ज्यादातर ऐसे मरीज हैं जिनमें कोरोना का असर फेफड़ों पर हुआ है उनमें अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस जैसे लक्षण दिख रहे हैं। इन्हें ब्रॉन्को-डाइलेटर ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। ऐसे मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, सीने में बेचैनी, थकान और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं।

3. पोस्ट कोविड इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम : थकान, मांसपेशियों में अकड़न और वजन घटना
डॉ. निखिल के मुताबिक, हार्ट और फेफड़ों के अलावा भी मरीजों में अलग तरह के लक्षण दिख रहे हैं जिसे समझना जरूरी है। इसे पोस्ट कोविड इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम कहते हैं। ऐसे मरीजों में थकान, मांसपेशियों में अकड़न, बुखार बढ़ना और घटना और वजन का घट जाना जैसे लक्षण दिखते हैं।

4. पोस्ट कोविड मायोकार्डिटिस : हार्ट रेट का घटना-बढ़ना जैसे लक्षण दिखते हैं
कोरोना से रिकवरी के बाद कुछ मरीज पोस्ट कोविड मायोकार्डिटिस से भी जूझ रहे हैं। इनमें हार्ट रेट को बढ़ना-घटना प्रमुख लक्षण है। अगर ऐसा आपके साथ हो रहा है तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें ताकि इससे भी रिकवरी की जा सके।

पोस्ट कोविड का असर घटाने के लिए ध्यान रखें ये बातें

  • डॉ. निखिल मोदी कहते हैं, कोरोना से उबरने के बाद भी 17 दिन तक सेल्फ आइसोलेशन में रहें। इस दौरान शरीर में ऑक्सीजन, हार्ट रेट और तापमान पर नजर रखें।
  • ऐसे मरीज जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिसीज से जूझ रहे हैं, उन्हें अपने खानपान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। खाने में फल, सब्जियां और अंकुरित दालें लें।
  • ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो दवाएं लेना कतई न भूलें और ब्लड शुगर भी जांचते रहे। डॉक्टर ने जो भी चीजें न लेने के लिए कहा, उससे बिल्कुल न लें।
  • अगर एक हफ्ते के बाद भी मरीज़ को सांस लेने में तकलीफ या इससे जुड़ी दिक्कत हो हो पल्मोनोलॉजिस्ट के वीडियो कंसल्टेशन करें।
  • रिकवरी के बाद डॉक्टर की सलाह से हल्के-फुल्के व्यायाम करें और डाइट में मसाले और अधिक तेल से बना खाना लेने से बचें।

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