May 19, 2024 : 9:26 PM
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सामान्य से छह गुणा बढ़ गया पॉल्यूशन, सेक्टर-51 अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 477 तक दर्ज

गुड़गांव11 घंटे पहले

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गुड़गांव. सोहना क्षेत्र में रविवार को पोलूशन का इस तरह रहा का नजारा।

  • प्रदूषण की वजह से आसमान भी नीले की बजाय सफेद चादर से ढक गया

एनसीआर की हवा में जहर घुलता ही जा रहा है। रविवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 477 तक पहुंच गया। इसका मतलब स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। प्रदूषण की वजह से आसमान भी नीले की बजाय सफेद चादर से ढक गया है। सबसे अधिक पॉल्यूशन रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक होता है, लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा ग्रेप लागू करवाने के लिए सख्ती बरती जा रही है।

लेकिन पॉल्यूशन का स्तर कम नहीं हो रहा है। हालांकि रविवार को भी 70 हजार से अधिक लोगों के ग्रेप का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं गुड़गांव में जहां सामान्य एक्यूआई 80 के आसपास रहता है, लेकिन सभी तरह प्रयासों के बाद भी एयर क्वालिटी इंडेक्स अति गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। गुड़गांव के सेक्टर 51 में सबसे अधिक पॉल्यूशन रहा।

जबकि सामान्यत सभी पॉल्यूशन मापक यंत्रों पर अक्टूबर महीने में 80 से 100 के बीच ही एक्यूआई रहता है। जबकि फिलहाल छह गुणा तक एक्यूआई दर्ज हो रहा है। 0-50 तक का एक्यूआई अच्छा’’ माना जाता है। 51-100 तक ‘’संतोषजनक’’, 101-200 ‘’मध्यम’’, 201-300 ‘’खराब’’, 301-400 ‘’बहुत खराब’’ और इससे ऊपर गंभीर श्रेणी में आता है। 500 के ऊपर एक्यूआई गंभीर और आपातकाल स्थिति के लिए होता है।

वहीं डाक्टरों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से सांस व दमा के रोगियों की संख्या ओपीडी में बढ़ गई है। जहां अक्टूबर की शुरूआत तक नागरिक अस्पताल के डाक्टर नवीन ने बताया कि सांस व दमा के रोगियों की संख्या ओपीडी में बढ़ गई है। वहीं उन्हें कोरोना से भी सचेत रहने के लिए प्रेरित करना पड़ रहा है।

टीमों ने 11 स्थानों पर निरीक्षण कर की कार्रवाई
जिला प्रशासन के विभागों के अधिकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर पॉल्यूशन बढ़ाने वाली गतिविधियों पर निरीक्षण किया, जिनमें से 11 लोगों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है। जिनमें डस्ट व धूल को लेकर आठ लोगों पर कार्रवाई की गई, जिन पर 47 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। जबकि कूड़ा जलाने व सीएंडडी वेस्ट को लेकर तीन लोगों पर 26 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।

जब मौसम में नमी होती है तो धूल-कण बहुत ज्यादा ऊपरी सतह पर नहीं जाते। वह नीचे रहते है जिन्हें वायु प्रदूषण मापने की मशीन पकड़ लेती है। जब धूप तेज होती है तो धूल-कण बहुत ऊपर चले जाते हैं और प्रदूषण कम दिखता है। जहां तक काम करने की बात है तो इस बार जिला उपायुक्त अमित खत्री के आदेश अनुसार सभी सरकारी विभागों की जिम्मेदारी लगाई है और उनके क्षेत्र में वही चालान करेंगे। कुलदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, एचएसपीसीबी।

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