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पहली बार परीक्षा में पूरे अंक लाकर उड़ीसा के शोएब ने रचा इतिहास, MBBS की पढ़ाई कर कार्डियोलॉजिस्ट बनने का है सपना

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4 घंटे पहले

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मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए होने वाली देश की सबसे बड़ी परीक्षा NEET 2020 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस साल परीक्षा में टॉप करने वाले उड़ीसा के शोएब ने 720 में से 720 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। NEET 2020 में शीर्ष पर पहुंचकर शोएब ने न सिर्फ परीक्षा में शामिल हुए करीब 15 लाख कैंडिडेट्स को पीछे छोड़ दिया है, बल्कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पहली बार पूरे अंक लाकर रिकॉर्ड भी कायम किया है। परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद अब वह एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहते हैं और आगे चलकर कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल कर दिल से जुड़ी बीमारियों का इलाज खोजना चाहते हैं।

बिजनेस में नुकसान के बाद में पिता ने भेजा कोटा

सफलता की यह राह शोएब के लिए आसान नहीं थी। उनके पिता एक व्यवसायी हैं, जबकि उनकी माँ एक गृहिणी हैं। शोएब जब आठवीं कक्षा में थे, तब उनके पिता को अपने बिजनेस में काफी नुकसान हुआ था, जिसके बाद उनके पिता ने अपना व्यापार बदल दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान शोएब बताया कि, ‘मेरे पिता के बिजनेस में नुकसान होने के बावजूद उन्होंने मुझे कोटा में कोचिंग कराई। इतना ही नहीं मेरा सपना पूरा करने के लिए मेरी मां मेरे साथ कोटा में रहीं, जिससे में अपनी पढ़ाई पर फोकस कर सकूं।

मां को दिया सफलता का श्रेय

उन्होंने आगे बताया कि वह शुरुआत में पढ़ाई में इतने अच्छे नहीं थे। 11वीं में उनके मार्क्स कुछ खास अच्छे नहीं आए थे। लेकिन बाद में पढ़ाई पर फोकस करना शुरू किया और फिर मेहनत के दम पर स्कॉलरशिप पाई। अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हुए शोएब ने कहा कि आज उनकी कामयाबी के पीछे सिर्फ उनकी मां हैं। उनकी वजह से ही उन्हें यह सफलता हासिल हुई है। NEET की तैयारी के साथ ही शोएब ने 12वीं में 95.8% अंक प्राप्त किए, जबकि 10वीं में उन्हें 96.8 प्रतिशत अंक मिले थे। इतना ही नहीं परीक्षा में टॉप करने वाले शोएब केवीपीवाई परीक्षा में भी 37वीं रैंक हासिल कर चुके हैं।

लॉकडाउन को अवसर के रूप में किया इस्तेमाल

अपनी तैयारी के बारे में बताते हुए, आफताब ने कहा कि लॉकडाउन ने उनकी काफी मदद की, क्योंकि इससे उन्हें तैयारी के लिए ज्यादा समय मिला। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने परीक्षा की तैयारी बंद नहीं की, बल्कि इसे अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। अपनी कमियों पर काम करते हुए कमजोर विषयों पर ज्यादा मेहनत की। हालांकि, उनका मानना ​​है कि उनके धैर्य ने उन्हें NEET को क्रैक करने में मदद की। एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट में क्लासेस के दौरान पूरा ध्यान देने और रोज होमवर्क करने से भी आफताब को काफी मदद मिली।

आकांशा सिंह ने भी हासिल किए 720 अंक

परीक्षा में दिल्ली की आकांशा सिंह ने भी 720 अंकों के साथ ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की है। हालांकि, वह लड़कियों में टॉपर रहीं, लेकिन टाई-ब्रेक के चलते शोएब से छोटी (17 साल) की होने की वजह से उन्हें 2 रैंक कर रखा गया।

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