- Hindi News
- International
- China Told Indian Media Do Not Present Taiwanas A Separate Country On Its National Day, It Is An Integral Part Of China
नई दिल्ली3 दिन पहले
यह फोटो जून की है। ताइवान की राजधानी ताइपे में राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद भाषण दिया था। उन्होंने चीन से दुश्मनी खत्म कर सहयोग बढ़ाने की अपील की थी।- फाइल फोटो
- चीन ने कहा- इंडियन मीडिया चीन की ‘वन चीन’ पॉलिसी का सम्मान करे, ताइवान को अलग देश बताने से लोगों में गलत संदेश जाएगा
- 10 अक्टूबर को ताइवान में नेशनल डे मनाया जाता है, इसी दिन यहां पर वुचांग शासन की शुरुआत हुई थी चीन के किंग साम्राज्य का अंत हुआ था
ताइवान का नेशनल डे 10 अक्टूबर को है। इससे पहले चीन ने भारतीय मीडिया को इसे देश के तौर पर पेश नहीं करने की सलाह दी है। दिल्ली स्थिति चीन के मिशन ने इसके लिए मीडिया हाउसेस को चिट्ठी लिखी है। इसमें लिखा है- हमारे मीडिया के दोस्त, आपको याद दिलाना चाहेंगे कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है। सिर्फ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन की सरकार ही पूरी दुनिया में चीन का प्रतिनिधित्व करती है।ताइवान को देश के तौर पर पेश नहीं किया जाए। इसकी राष्ट्रपति साई इंग-वेन को भी राष्ट्रपति न बताया जाए। इससे आम लोगों में गलत संदेश जाएगा।
वहीं, इस पर ताइवान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसका प्रेस वाइब्रेंट और लोग आजादी पसंद हैं। हालांकि, ऐसा लगता है कि कम्युनिस्ट चीन इस सब कॉन्टीनेंट पर भी सेंशरशिप थोपना चाहता है। ताइवान के भारतीय दोस्तों का एक ही जवाब होगा- भाड़ में जाओ।
#India🇮🇳 is the largest democracy on Earth with a vibrant press & freedom-loving people. But it looks like communist #China is hoping to march into the subcontinent by imposing censorship. #Taiwan‘s🇹🇼 Indian friends will have one reply: GET LOST! JW https://t.co/XxkSSxj5ms
— 外交部 Ministry of Foreign Affairs, ROC (Taiwan) 🇹🇼 (@MOFA_Taiwan) October 7, 2020
‘इंडियन मीडिया ‘वन चीन’ की पॉलिसी माने’
चिट्ठी में आगे लिखा है- ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है। चीन के साथ डिप्लोमेटिक संबंध रखने वाले देशों को इसकी ‘वन चीन’ पॉलिसी का पूरी तरह से सम्मान करना चाहिए। इस मामले में भारत सरकार का भी लंबे समय से यही मानना रहा है। इंडियन मीडिया भी भारत सरकार की तरह वन चीन पॉलिसी को मान सकती है। मीडिया चीन की इस पॉलिसी का उल्लंघन न करे।
चीन ने भारतीय मीडिया को क्यों दी नसीहत?
ताइवान के नेशनल डे का कुछ भारतीय मीडिया हाउसेस ने कवरेज करने का ऐलान किया है। कुछ भारतीय न्यूज चैनलों पर इससे जुड़े कार्यक्रम प्रसारित किए जाने वाले हैं। इससे जुड़े विज्ञापन बीते कुछ दिनों में दिल्ली के न्यूजपेपर में पब्लिश हुए हैं। यही वजह है कि भारत के चीन मिशन ने इंडियन मीडिया को यह नसीहत दी है।
क्यूं मनाया जाता है चीन का नेशनल डे?
10 अक्टूबर को ताइवान में वुचांग शासन की शुरुआत माना जाता है। इसी दिन यहां पर चीन के किंग साम्राज्य का अंत हुआ था और रिपब्लिक ऑफ चीन की स्थापना हुई थी। मौजूदा समय में चीन और ताइवान के बीच तनाव है। इसके बावजूद चीन ने नेशनल डे मनाने का ऐलान किया है।
साई के राष्ट्रपति बनने के बाद चीन-ताइवान में बढ़ा विवाद
साई के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन और ताइवान में विवाद बढ़ा है। साई ने पहले कार्यकाल के समय ही वन चाइना पॉलिसी को मानने से मना कर दिया था। इसके बाद चीन ने ताइवान से सभी प्रकार के संबंध तोड़ लिए थे। चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान को हमला करने की धमकी देती रही है। चीन के विरोध के कारण ही चीन वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का हिस्सा नहीं बन पाया था। चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी।