May 15, 2024 : 11:08 AM
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5 जी टेक्नोलॉजी और सूचना तकनीक पर भारत-जापान के बीच अहम समझौता; इनसे जुड़े प्रोजेक्ट्स पर साथ काम कर सकेंगे दोनों देश

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टोक्यो3 दिन पहले

जापान की राजधानी टोक्यो में समझौता करने के बाद मीटिंग हॉल से बाहर निकलते भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी।

  • भारत-जापान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े कामों को मिलकर करने पर भी सहमति बनी
  • जापान ने इंडो पैसेफिक इनिशिएटिव (आईपीओआई) में साथ मिलकर काम करने पर भी सहमति दी है, आईपीओआई भारत के समर्थन शुरू किया गया फ्रेमवर्क है

भारत और जापान ने साइबर सिक्योरिटी पर एक अहम समझौता किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी ने बुधवार को टोक्यो में इस समझौते पर साइन किए। अब दोनों 5 जी टेक्नोलॉजी और सूचना तकनीक से जुड़ी ढांचागत सुविधाएं तैयार करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।

भारत-जापान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े कामों को मिलकर करने पर भी सहमति बनी है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल तकनीकों की भूमिका बढ़ रही है। ऐसे में दोनों देशों ने यह माना कि मौजूदा समय में एक मजबूत साइबर सिस्टम तैयार करने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत सभी एक जैसी सोच रखने वाले देशों में सप्लाई चेन मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।

समझौते से कई फायदे

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत और जापान के बीच इस समझौते से कई क्षेत्रों में फायदा होगा। बैंकों के इंफ्रास्ट्रक्चर और पेमेंट सिस्टम को सुधारने में मदद मिलेगी। टेलीकम्युनिकेशन और इंटरनेट, न्यूक्लियर रिएक्टर और एनर्जी ट्रांसमिशन से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर दोनों देश साथ मिलकर काम कर सकेंगे। ट्रांसपोर्ट सिस्टम जैसे कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल से जुड़ी तकनीकों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा।

इंडो पैसेफिक ओसियन इनिशिएटिव में साथ होगा जापान

जापान ने इंडो पैसेफिक इनिशिएटिव (आईपीओआई) में साथ मिलकर काम करने पर भी सहमति दी है। आईपीओआई भारत के समर्थन शुरू किया गया फ्रेमवर्क है। इसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम करना है। बैठक में चीन का जिक्र नहीं हुआ था, लेकिन इस क्षेत्र में चीन ही सबसे ज्यादा दिक्कतें खड़ी कर रहा है। चीन, जापान और भारत दोनों के ही समुद्री क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिश कर चुका है। ऐसे में इसके तहत काम करने से इस क्षेत्र में दोनों देश अपनी समुद्री सीमा की बेहतर ढंग से सुरक्षा कर सकेंगे।

एक दिन पहले हुई थी क्वाड देशों की बैठक
मंगलवार को टोक्यो में क्वाड देशों की बैठक हुई थी। इसमें भारत के विदेश मंत्री के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मैरिसे पेयने और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी भी इस बैठक में शामिल हुए। पोम्पियो ने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री से बैठक के बाद कहा- हमारे बीच चीन की दूसरे देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर चर्चा हुई। उन्होंने जापान के विदेश मंत्री के साथ भी चीन के बारे में चर्चा करने की बात कही।

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