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जब बॉलीवुड की चकाचौंध से भर गया इन अभिनेत्रियों का मन, कोई बन गई नन तो कोई बन गई साध्वी

21 घंटे पहले

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बिग बॉस 6, जय हो में काम कर चुकीं एक्ट्रेस सना खान ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बाय-बाय कह दिया है। वह आध्यात्म की राह पर चल पड़ी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात का खुलासा करते हुए लिखा कि अब अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर मानवता की सेवा करेंगी। सना से पहले भी कई अभिनेत्रियों ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ आध्यात्म की ओर कदम बढ़ाए हैं। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही अभिनेत्रियों पर…

जायरा वसीम

सना की ही तरह जायरा वसीम ने पिछले साल जून में फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने की बात कहकर सबको हैरान कर दिया था। दंगल से दमदार डेब्यू कर चुकीं जायरा ने कुल तीन फिल्मों में ही काम कर बॉलीवुड को अलविदा कह दिया था। उनका कहना था कि उन्हें इस प्रोफेशन में खुशी नहीं मिली क्योंकि इससे उनके धर्म को मानने में रुकावट महसूस हो रही थी।

सोफिया हयात

बिग बॉस सीजन-7 की कंटेस्टेंट और मॉडल सोफिया भी 2016 में शो बिज छोड़ नन बनने के चलते सुर्खियों में आई थीं। उनका कहना था कि वह रातोंरात नन नहीं बन गईं, बल्कि रिलेशनशिप में प्रताड़ित होने के कारण आखिर में उन्होंने ऐसा कदम उठाया था। हालांकि, लोगों ने इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दिया था।

बरखा मदान

बरखा ने 4 नवंबर 2012 को दुनियादारी छोड़कर संन्यास ले लिया था। ऐसा नहीं है कि यह फैसला उन्होंने आर्थिक तंगी, करियर में रुकावट या दिल टूटने के बाद लिया। बताया जाता है कि साल 2002 में धर्मशाला में एक इवेंट के दौरान जब उन्होंने दलाई लामा जोपा रिपोंचे को सुना तो उनके मन में भी नन बनने का ख्याल आया। जब उन्होंने यह इच्छा दलाई लामा के सामने रखी तो वे बोले, “क्यों, क्या तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड से झगड़ा हुआ है। मठ में रहने का मतलब यह नहीं होता कि आप किसी से भागे हैं।”

इसके बाद बरखा को बौद्ध धर्म दर्शन शास्त्र से जुड़ने की सलाह दी गई। इस सलाह का उद्देश्य बरखा को इस बात का ज्ञान कराना था कि आखिर क्यों वह नन बनने की राह चुनना चाहती है।

इसके बाद बरखा ने खुद की प्रोडक्शन कंपनी बनाई और उसके बैनर तले दो फिल्मों का निर्माण किया। एक ‘सोच लो’ (2010) और दूसरी ‘सुरखाब’। साल 2012 में एक बार फिर बरखा काठमांडू स्थित बौद्ध मठ पहुंचीं तो उनसे फिर वही सवाल किया गया। जवाब में बरखा ने कहा कि सब कुछ अपनी जगह सही चल रहा है, इसके बावजूद उन्हें ऐसा लगता है कि कुछ तो है जो छूट रहा है।” 4 नवंबर 2012 को सुबह-सुबह 9 बजे बरखा ने संन्यास ले लिया।

अनु अग्रवाल

1990 में आई फिल्म ‘आशिकी’ ने अनु को रातोंरात स्टार बना दिया था। इस फिल्म में बाद वो कई और फिल्मों में दिखीं लेकिन उन्हें ‘आशिकी’ जैसी पॉपुलैरिटी नहीं मिली। अब ग्लैमर वर्ल्ड से दूर अनु झुग्गी-झोपड़ी में जाकर बच्चों गरीब बच्चों को फ्री योगा सिखाती हैं। 1996 के बाद फिल्मी दुनिया के गायब हो गईं अनु ने योगा और आध्यात्म की तरफ रुख कर लिया था।

इसी बीच 1999 में हुए एक रोड एक्सीडेंट ने अनु की लाइफ बदल दी। इस हादसे ने न सिर्फ उनकी याददाश्त को चली गई थी, बल्कि वो पैरालाइज्ड हो गई थीं। लगभग 29 दिनों तक कोमा में रहने के बाद जब अनु होश में आईं, तो वह खुद को पूरी तरह से भूल चुकी थी। याद्दशात खो चुकीं अनु के लिए ये उनका पुर्नजन्म ही था कि लगभग 3 साल तक चले लंबे ट्रीटमेंट के बाद उनकी याददाश्त वापस आ गई। अनु अपनी कहानी को आत्‍मकथा ‘अनयूजवल: मेमोइर ऑफ ए गर्ल हू केम बैक फ्रॉम डेड’ में समेटा है।

ममता कुलकर्णी

कभी अपने ग्लैमरस और बोल्ड अंदाज से सुर्खियां बटोरने वाली ममता कुलकर्णी ने पांच साल पहले साध्वी बन सबको चौंका दिया था। बॉलीवुड की गलियों को छोड़ अब वे आध्यात्म की राह पर चल पड़ी थीं। 2013 में उन्होंने अपनी किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी’ रिलीज की थी। इस दौरान फिल्‍मी दुनिया को अलविदा कहने की वजह बताते हुए ममता कुलकर्णी ने कहा था, ‘कुछ लोग दुनिया के कामों के लिए पैदा होते है, जबकि कुछ ईश्‍वर के लिए पैदा होते हैं। मैं भी ईश्‍वर के लिए पैदा हुई हूं।’

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