नई दिल्ली5 मिनट पहले
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केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने गैस की प्राइस डिस्कवरी के लिए एक स्टैंडर्ड ई-बिडिंग प्रक्रिया को मंजूरी दी
- ओएनजीसी और ओआईएल को नोमिनेट किए गए फील्ड से उत्पादित गैस के लिए पुरानी प्राइसिंग प्रक्रिया ही लागू रहेगी
- गैस उत्पादन कंपनियां बिडिंग में खुद नहीं ले सकेंगी हिस्सा, लेकिन वे अपनी सहायक कंपनियों को बेच सकेंगी गैस
सरकार ने बुधवार को नॉन रेगुलेटेड फील्ड से प्रोड्यूस होने वाले नेचुरल गैस के मार्केटिंग की पूरी आजादी दे दी। इसके उत्पादन कंपनियां अपनी सहायक कंपनियों को भी गैस बेच सकेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने गैस की प्राइस डिस्कवरी के लिए एक स्टैंडर्ड ई-बिडिंग प्रक्रिया को मंजूरी दी।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि उत्पादन कंपनियां पहले की तरह आगे भी बिडिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। लेकिन उनकी सहायक कंपनियां बिडिंग में भाग ले सकेंगी। हालांकि सरकारी कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को नोमिनेशन आधार पर दिए गए फील्ड से उत्पादन होने वाले गैस के लिए पुरानी प्राइसिंग प्रक्रिया ही लागू रहेगी।
मौजूदा स्तर से डेढ़ गुना हो जाएगा उत्पादन
प्रधान ने कहा कि मार्केटिंग में सुधार लागू किए जाने से उत्पादन में 40 एमएमएससीएमडी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यानी रोजाना का उत्पादन 4 करोड़ घन मीटर बढ़ सकता है। अभी देश में रोजाना 8.4 करोड़ घन मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है।
नियामक एक ई-बिडिंग प्लेटफॉर्म का देगा सुझाव
प्रधान ने कहा कि गैस नियामक हाइड्र्रोकार्बंस महानिदेशालय (डीजीएच) यूजर्स के लिए एक ई-बिडिंग प्लेटफॉर्म का सुझाव देगा। उत्पादक प्लेटफॉर्म का चुनाव कर सकेंगे और पारदर्शी और ओपन बिडिंग के जरिये प्राइस डिस्कवर किया जाएगा।