शिवपुरी4 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
महिला शिक्षक जिनके साथ हुई ऑनलाइन ठगी।
- शहर के हाथीखाना निवासी महिला से ठगी, खुद को एसबीआई का अफसर बताकर भरोसे में लिया
महिला शिक्षिका के बैंक खाते से 13.56 लाख रु की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। चार दिन पहले नेट बैकिंग सुविधा से जुड़ने के लिए एसबीआई के टोल फ्री नंबर से कॉल आया। फिर ठग ने शिक्षिका को फोन लगाकर खुद को एसबीआई का अधिकारी बताया। शिक्षिका का दावा है कि उसके पास किसी तरह की ओटीपी नहीं आई और ना ही व्यक्तिगत खाते की जानकारी दी। फिर भी उनके खाते से रुपए निकल गए, बल्कि उनकी 12.25 लाख रुपए की एफडी भी किसी ने तुड़वाकर जमा पूंजी पार कर दी है। सिटी कोतवाली पुलिस ने अज्ञात ठग पर मुकदमा दर्ज कर मामला विवेचना में ले लिया है।
शहर के हाथीखाना में निवासी आदर्श कन्या प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका गीता पवार (56) ने बताया कि 26 सितंबर को उनके मोबाइल नंबर 9425702921 पर एसबीआई के टोल फ्री नंबर 0180011 2211 से कॉल आया। मुझसे कहा कि आप नेट बैंकिंग से जुड़ जाएं, लेकिन मोबाइल का इस्तेमाल करना नहीं आने की वजह से नेट बैंकिंग से जुड़ने से साफ इनकार कर दिया। अगले दिन 27 सितंबर को फिर एसबीआई गुरुद्वारा बैंक के नाम से फोन आया जिसमें उसने बैंक कर्मचारी के रूप में अपना नाम आलोक बताया।
उसने कहा कि आप नेट बैंकिंग से जुड़ जाएं। शिक्षिका ने फिर से नेट बैंकिंग से जुड़ने से इनकार कर दिया और फोन पर बैंक संबंधी कोई भी जानकारी संबंधित को नहीं दी। 28 सितंबर को छोड़कर 29 व 30 सितंबर को शिक्षिका के बैंक अकाउंट से रकम निकल गई। बैंक जाकर पता किया तो अधिकारियों ने बताया कि आलोक नाम का यहां कोई कर्मचारी नहीं है। आवेदन जमा कराकर लौटा दिया। यह तक नहीं बताया कि उनके खाते से राशि किस खाते में ट्रांसफर हुई है।
सिटी कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया, शिक्षिका का दावा-मैंने कोई ओटीपी नहीं दी, फिर भी खाते से पैसे निकल गए
शहर के हाथीखाना में निवासी आदर्श कन्या प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका गीता पवार (56) ने बताया कि 26 सितंबर को उनके मोबाइल नंबर 9425702921 पर एसबीआई के टोल फ्री नंबर 0180011 2211 से कॉल आया। मुझसे कहा कि आप नेट बैंकिंग से जुड़ जाएं, लेकिन मोबाइल का इस्तेमाल करना नहीं आने की वजह से नेट बैंकिंग से जुड़ने से साफ इनकार कर दिया। अगले दिन 27 सितंबर को फिर एसबीआई गुरुद्वारा बैंक के नाम से फोन आया जिसमें उसने बैंक कर्मचारी के रूप में अपना नाम आलोक बताया।
उसने कहा कि आप नेट बैंकिंग से जुड़ जाएं। शिक्षिका ने फिर से नेट बैंकिंग से जुड़ने से इनकार कर दिया और फोन पर बैंक संबंधी कोई भी जानकारी संबंधित को नहीं दी। 28 सितंबर को छोड़कर 29 व 30 सितंबर को शिक्षिका के बैंक अकाउंट से रकम निकल गई। बैंक जाकर पता किया तो अधिकारियों ने बताया कि आलोक नाम का यहां कोई कर्मचारी नहीं है। आवेदन जमा कराकर लौटा दिया। यह तक नहीं बताया कि उनके खाते से राशि किस खाते में ट्रांसफर हुई है।
बचत खाते में 1.35 लाख रु. जमा थे, एफडी तुड़वाकर कुल 13.56 लाख रुपए निकले
शिक्षिका ने बताया कि उनके बचत खाते में कुल 1.35 लाख रुपए जमा थे और शेष रकम फिक्स डिपोजिट के रूप में जमा थी। लेकिन ठग ने उनकी एफडी भी तुड़वा दीं और कुल 13.56 लख रुपए खाते से पार कर दिए हैं। बैंक पहुंचने पर अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। कहने लगे कि नेट बैंकिंग के इस्तेमाल से आपके खाते से राशि निकली है। महिला शिक्षिका और उसकी बेटी ने घटना की जानकारी 30 सितंबर को कोतवाली पहुंचकर थाने में दी। पुलिस मामले में पड़ताल कर रही है।
बैंक शाखा पहुंचने पर अफसर बाेले- फर्जी कॉल के बारे में हम समाचार पत्रों से सूचना दे चुके हैं
शिक्षिका गीता पवार ने बताया कि उसकी बेटी स्वाति जब एसबीआई बैंक में पहुंची तो वहां किसी ने भी यह स्वीकार नहीं किया कि उनका पैसा बैंक से निकला है। बल्कि अधिकारियों से पूछने पर उन्हें यह जानकारी मिली कि जिस नंबर से आपके पैसे गए हैं ऐसे फर्ज़ी नंबर से आने वाले कॉल की शिकायत हम समाचार पत्रों में कर चुके हैं। लोगों को आगाह कर चुके हैं कि वह ऐसे फोन आएं तो झांसे में ना आएं और ना ही ट्रांजेक्शन करें।
बिना ओटीपी ट्रांजेक्शन संभव नहीं है
महिला शिक्षिका ने किसी को ओटीपी बताया होगा, नहीं तो खाते से इतना बड़ा ट्रांजैक्शन होना किसी भी कीमत पर संभव नहीं है। अब उनकी शिकायत के बाद हमने उनका आवेदन जांच के लिए ले लिया है।
आशीष दुबे, प्रबंधक, एसबीआई शाखा गुरुद्वारा चौक शिवपुरी
रिपोर्ट दर्ज कर मामले में जांच कर रहे हैं
30 सितंबर को महिला शिक्षिका की बेटी की तरफ से शिकायती आवेदन आया था जिसमें उन्होंने उनके साथ ऑनलाइन ठगी होने की बात कही है। उनकी रिपोर्ट पर हमने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बादाम सिंह यादव, थाना प्रभारी शिवपुरी