- Hindi News
- Local
- Maharashtra
- Kangana Ranaut | Kangana Ranaut Vs BMC Court Hearing Thursday; Here’s Latest News Updates From Bombay High Court
मुंबई20 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
9 सितंबर को बीएमसी की ओर एक्ट्रेस कंगना रनोट के पाली हिल्स वाले ऑफिस पर बुलडोजर चलाया गया था।
- कंगना की तरफ से संजय राउत के उखाड़ दिया वाले बयान कि सीडी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई थी
- बीएमसी का आरोप- कंगना ने अवैध निर्माण किया, लेकिन कंगना ने इस दावे को खारिज किया
कंगना रनोट के पाली हिल्स वाले ऑफिस में तोड़फोड़ को लेकर एक्ट्रेस की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में लगाई गई अर्जी पर आज सुनवाई हो सकती है। बुधवार को भारी बारिश की वजह से हाईकोर्ट बंद हो जाने के कारण सुनवाई गुरुवार के लिए टल गई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस के ऑफिस पर बुलडोजर चलाने का आदेश देने वाले अधिकारी भाग्यवंत लाते और शिवसेना के सांसद संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात कही थी। कंगना की तरफ से संजय राउत के उखाड़ दिया वाले बयान कि सीडी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया।
कंगना के बंगले के कुछ हिस्सों को बीएमसी ने 9 सितंबर को तोड़ दिया था। जिसके बाद एक्ट्रेस ने हाईकोर्ट का रुख किया था। अदालत ने इस मामले में कंगना से 14 सितंबर को और बीएमसी से 18 सितंबर को जवाब मांगा था। एक्ट्रेस की और से सोमवार को सप्लीमेंट्री एफिडेविट दायर किया गया था।
बीएमसी के आरोप से कंगना का आरोप
इससे पहले कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बीएमसी के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि उनके दफ्तर पर की गई बीएमसी की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण थी। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि जब कार्रवाई हुई, उस दौरान उनके दफ्तर में कोई निर्माण कार्य चल रहा था। वहीं दूसरी तरफ बीएमसी अवैध निर्माण का कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई है।
उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि तोड़फोड़ को अवैध घोषित करने और बीएमसी द्वारा मुआवजे के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग वाली उनकी याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। हलफनामे में उन्होंने कहा, “मैं इस बात से इनकार करती हूं कि मैंने गैरकानूनी रूप से कुछ जोड़ा या बदलाव किया जैसा कि आरोप लगाया गया है।”
बीएमसी ने अपने हलफनामे में कही थी यह बात
बीएमसी ने पिछले हफ्ते अपने वकील जोएल कार्लोस के जरिये रनोट की याचिका के जवाब में न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया था। नगर निकाय ने कहा था कि अभिनेत्री ने इमारत में बिना इजाजत अहम ढांचागत बदलाव किये थे। उसने कहा कि बीएमसी अधिकारी नौ सितंबर को उन बदलावों को तोड़ने के दौरान सिर्फ नियमों का पालन कर रहे थे। नगर निकाय ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह रनौत की याचिका को रद्द कर दे और उन पर याचिका दायर करने का जुर्माना भी लगाए जो कि न्यायिक प्रक्रिया का “दुरुपयोग” थी।
0