May 18, 2024 : 4:02 PM
Breaking News
अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में हेल्थ डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर कोरोना टेस्ट संबंधी सलाह वैज्ञानिकों ने नहीं दी थी, व्हाइट हाउस की टास्क फोर्स पर शक

  • Hindi News
  • International
  • USA Coronavirus News Updates: CDC Virus Testing Guidance Not Published, Reviewed By US Officials

वॉशिंगटनएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

फोटो कन्सास के एक मेडिकल केयर सेंटर की है। हेल्थ वर्कर एक संदिग्ध की जांच कर रही है। (फाइल)

  • पिछले महीने सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) की वेबसाइट पर कोरोना टेस्ट संबंधी जानकारी दी गई थी
  • इसमें बताया गया था कि किन लोगों को टेस्ट कराने चाहिए और किन लोगों को नहीं, इसकी काफी आलोचना हुई

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार जारी है। कोरनावायरस की रोकथाम और संभावित वैक्सीन को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन जुबानी जंग में उलझे हैं। ट्रम्प बचाव की मुद्रा में हैं तो बाइडेन का रुख हमलावर है। इस बीच, यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) की वेबसाइट पर जारी कोरोना टेस्ट संबंधी जानकारी और गाइडलाइन्स को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। यह गाइडलाइन्स पिछले महीने पोस्ट की गईं थीं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गाइडलाइन्स जारी और पोस्ट करने का सीडीसी के वैज्ञानिकों ने विरोध किया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर सीडीसी के साइंटिस्ट इनके गाइडलाइन्स के पक्ष में नहीं थे तो वेबसाइट पर ये पोस्ट कैसे हो गईं।

गोपनीय दस्तावेज सामने आए
रिपोर्ट के मुताबिक, सीडीसी साइंटिस्ट इन गाइडलाइन्स को जारी करने का विरोध कर रहे थे। गाइडलाइन्स में बताया गया कि किन लोगों को कोरोना टेस्ट कराना चाहिए और किन लोगों को इसकी जरूरत नहीं है। संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और टेस्टिंग बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है आखिर किसके कहने पर ये गाइडलाइन्स जारी की गईं थीं।

किस बात पर आपत्ति
गाइडलाइन्स में कहा गया था- उन लोगों को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। भले ही वे संक्रमितों के संपर्क में आए हों। सीडीसी डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड ने खुद इन गाइडलाइन्स को देखा था। रिपोर्ट के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ और ह्यूमन सर्विस के अफसरों ने ये गाइडलाइन्स सीडीसी की वेबसाइट पर पोस्ट की थीं। एजेंसी ने इनका रिव्यू नहीं किया था।

टास्क फोर्स पर शक
मामले से तीन पक्ष जुड़े हैं। हेल्थ और ह्यूमन सर्विस (एचएचएस), सीडीसी और कोरोनावायरस टास्क फोर्स। टास्क फोर्स व्हाइट हाउस यानी राष्ट्रपति को सीधे रिपोर्ट करती है। चूंकि, चुनावी दौर है। इसलिए, शक की सुई उसी तरफ घूम रही है। मामले ने तूल पकड़ा तो डिपार्टमेंट एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

सीडीसी वास्तव में एचएचएस का ही हिस्सा है। इसके कोऑर्डिनेटर ब्रेट गिरियोर कहते हैं- ओरिजनल ड्राफ्ट तो सीडीसी की तरीफ से ही आया था। हमने टास्क फोर्स से सलाह करने के बाद इसे जारी किया। टास्क फोर्स के चीफ डॉक्टर एंथोनी फौसी ने भी इसे देखा। उप राष्ट्रपति माइक पेन्स के सामने भी यह पेश की गई थी। इनके अलावा भी कई अफसर इस मामले से जुड़े थे।

आपत्तियां अनसुनी कर दी गईं
रिपोर्ट के मुताबिक, जब इन गाइडलाइन्स का ड्राफ्ट सीडीसी के पास पहुंचा तो उसके वैज्ञानिकों ने इन पर गंभीर सवाल उठाए। लेकिन, इन पर कोई सुनवाई नहीं हुई। एक अफसर ने ईमेल में कहा- गाइडलाइन्स में कुछ जरूरी बदलाव किए जाने थे, लेकिन ये हो नहीं सके। सीडीसी पर जुलाई में भी सवाल उठे थे। तब स्कूल खोलने को लेकर एक आर्टिकल वेबसाइट पर पोस्ट किया गया था। आलोचना होने पर इसे हटा दिया गया था।

0

Related posts

नेत्रहीन लड़की को देखते ही दिल दे बैठा युवक, शादी के लिए घरवालों को ये कहकर मनाया

News Blast

चीनी साइबर अटैक से US और यूरोप परेशान:बोले- रैनसमवेयर के जरिए ब्लैकमेल करते हैं चीन के हैकर, पहली बार जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया

News Blast

50 साल का पति 15 साल छोटी पत्नी से बनाना चाहता था अप्राकृतिक संबंध, पीड़िता पहुंची थाने, FIR

News Blast

टिप्पणी दें