May 18, 2024 : 11:39 AM
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जमीन से 7 मंजिला नीचे एथेंस के मशहूर एक्रोपोलिस जैसा म्यूजियम बनेगा, 200 करोड़ रु. आएगी लागत

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  • The World’s Largest ‘heritage Museum’ After Athens To Be Built In The Birthplace Of The Prime Minister; Modi Will Pay The Debt Of The Birthplace

वडनगर2 घंटे पहलेलेखक: टीकेंद्र रावल

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  • ताना-रीरी संगीत अकादमी-यूनिवर्सिटी के बाद योग स्कूल और विश्व स्तर की सुविधाओं से लैस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का भी निर्माण होगा
  • वडनगर के 70 से ज्यादा तालाबों को डेवलप कर उदयपुर की तरह वडनगर को गुजरात की पहली ‘लेक सिटी’ बनाया जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 70 साल के हो गए। इसी के चलते उनके जन्मस्थान वडनगर की कायापलट के ड्रीम प्रोजेक्ट पर मोदी की योजनाएं आकार ले रही हैं। इस मौक पर दैनिक भास्कर की टीम ने वडनगर पहुंचकर इन योजनाओं की पड़ताल की।

वडनगर में जमीन के अंदर 200 करोड़ रुपए के लागत से एक अनोखा हेरिटेज म्यूजियम बनेगा। इसके अलावा यहां की 16वीं सदी की नृत्यांगनाओं ताना-रीरी की याद में एक संगीत अकादमी और योग का एक अनोखा स्कूल बनेगा। इतना ही नहीं, वडनगर को उदयपुर की तरह गुजरात की पहली लेक सिटी भी बनाया जाएगा।

देश-विदेश से पर्यटक वडनगर आएं, इसके लिए यहां विश्व स्तर का एक हेरिटेज म्यूजियम बनाया जा रहा है।

देश-विदेश से पर्यटक वडनगर आएं, इसके लिए यहां विश्व स्तर का एक हेरिटेज म्यूजियम बनाया जा रहा है।

देश-विदेश के पर्यटक वडनगर के मेहमान बनें, ऐसा होगा म्यूजियम

नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमाभाई ने हेरिटेज म्यूजियम के प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए दैनिक भास्कर की टीम को बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेंद्रभाई अपनी जन्मस्थल को भूले नहीं हैं। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से पर्यटक वडनगर आएं, इसके लिए यहां विश्व स्तर का एक हेरिटेज म्यूजियम बनाया जा रहा है।

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 200 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। यह हेरिटेज म्यूजियम ग्रीस में एथेंस के सुप्रसिद्ध एक्रोपोलिस ‘बिनीथ द सर्फेस’ यानी की जमीन से अंदर की थीम पर बनेगा। इस तरह ये एथेंस के बाद जमीन के अंदर बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा म्यूजियम होगा।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया एक्सपर्ट एजेंसी की टीम के निर्देशन में इस हेरिटेज म्यूजियम का काम साल 2021 से शुरू हो जाएगा।

वडनगर में वार्षिक ताना-रीरी महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है।

वडनगर में वार्षिक ताना-रीरी महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है।

वडनगर का दूसरा बड़ा आकर्षण होगी ताना-रीरी संगीत अकादमी

वडनगर की दूसरी पहचान यानी की 16वीं शताब्दी की नृत्यांगनाओं ताना-रीरी संगीत अकादमी होगी। ये दोनों बहनें सम्राट अकबर के दरबार में मेघ-मल्हार गाया करती थीं और नृत्य किया करती थीं। उन्हीं के लिए वडनगर में वार्षिक ताना-रीरी महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। इन्हीं की याद में वडनगर में एक संगीत अकादमी बनाई जाएगी।

इसके लिए भी शुरुआती चरण में 10 करोड़ रुपए का बजट जारी करने की योजना है। फिलहाल इसके लिए उत्तर गुजरात यूनिवर्सिटी की स्वीकृति लेने के प्रोसेस जारी है। इस यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारतीय शास्त्रीय संगीत ही नहीं, बल्कि विदेशी क्लासिकल म्यूजिक भी सिखाया जाएगा। यानी की वह दिन दूर नहीं, जब देश-विदेश से संगीत की शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट भी वडनगर में नजर आएंगे।

30 हजार की आबादी वाले वडनगर में बनने वाला यह योग स्कूल भी वडनगर की विशेष पहचान बनेगा।

30 हजार की आबादी वाले वडनगर में बनने वाला यह योग स्कूल भी वडनगर की विशेष पहचान बनेगा।

जहां मोदी ने पढ़ाई की थी, वह स्कूल बनेगा योग स्कूल

मोदी को योग से काफी लगाव है और उनका मानना है कि योग के जरिए ही वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का योग स्कूल भी बनाने की योजना पर काम हो रहा है।

यह योग स्कूल वहीं बनेगा, जहां बचपन में मोदी ने स्कूली शिक्षा ली थी। यहां विद्यार्थियों को योगासन के अलावा योग में करियर बनाने की भी तालीम दी जाएगी। करीब पांच किमी के एरिया और 30 हजार की आबादी वाले वडनगर में बनने वाला यह स्कूल भी वडनगर की विशेष पहचान बनेगा।

इसके अलावा इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का काम भी 2021 के मई महीने तक पूरा हो जाएगा। यह सभी तरह के आधुनिक स्पोर्ट्स सुविधा से सुसज्जित होगा।

फिलहाल यहां 70 से अधिक तालाब हैं और अब इन्हें ही उदयपुर मॉडल के तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

फिलहाल यहां 70 से अधिक तालाब हैं और अब इन्हें ही उदयपुर मॉडल के तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

उदयपुर की तर्ज पर वडनगर बनेगा गुजरात की ‘लेक सिटी’

वडनगर में और आसपास 70 से अधिक तालाब हैं। इन सभी तालाबों को डेवलप करने की योजना पर काम हो रहा है। सोमाभाई बताते हैं कि वडनगर पुरातन नगरी है। माना जाता है कि ऋषि याज्ञवल्क्य का जन्म यहीं पर हुआ था। उस समय यहां पर 300 से अधिक तालाब और सरोवर हुआ करते थे।

फिलहाल यहां 70 से अधिक तालाब हैं और अब इन्हें ही उदयपुर मॉडल के तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद वडनगर की पहचान गुजरात की ‘लेक सिटी’ के रूप में होगी।

वडनगर के विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है।

वडनगर के विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है।

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वडनगर की काया पलट हुई

सोमाभाई ने बताया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वडनगर का विकास कार्य शुरू हुआ। वडनगर के विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। पहले यहां की सड़कें धूल भरी हुआ करती थीं, जो अब चमचमाती नजर आती हैं।

यहां की प्राचीन बौद्ध साइट पर भी एक हेरिटेज म्यूजियम आकार ले रहा है। वडनगर के रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है। इसके अलावा यहां के प्राचीन शर्मिष्ठा तालाब को भी विकसित किया जा रहा है। यह वही तालाब है, जहां से मोदी बचपन में मगरमच्छ का बच्चा पकड़कर घर ले आए थे।

पीएम मोदी के बड़े भाई सोमाभाई वडनगर में एक वृद्धाश्रम चलाते हैं

पीएम नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमाभाई वडनगर में एक वृद्धाश्रम चलाते हैं। इसलिए दैनिक भास्कर की टीम उनसे बातचीत करने वडनगर पहुंची। वृद्धाश्रम में हमने देखा कि पीएम मोदी के बड़े भाई होने के बावजूद वे यहां एक छोटे से कमरे के एक सादे से पलंग पर बैठे हुए थे। वहीं, उनके बगल में 4 कुर्सियां रखीं थीं। उनकी सादगी उनकी इस जीवनशैली को देखकर ही समझी जा सकती है।

सोमाभाई की भास्कर से बातचीत के अंस

गुजरात में 26 जनवरी, 2001 को भयानक भूकंप आया था। यहां गांव के गांव खत्म हो गए थे। उस समय हमारा परिवार गुजरात में अलग-अलग जगहों पर था। मैं वडनगर में ही रहता था और इसीलिए परिवार कोमेरी चिंता हो रही थी। मैंने बेटे और बहू से बात करने की खूब कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।

आखिरकार मैंने नरेंद्र को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि गुजरात में भयानक भूकंप आया है और परिवार में किसी से संपर्क नहीं हो सका। मेरा इतने बोलते ही उन्होंने कहा कि वडनगर में ‘तोरण’ तो सुरक्षित है कि नहीं? दरअसल वडनगर की मुख्य पहचान ही यहां का प्राचीन ‘तोरण’ है। तो अब आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी का अपने वतन से प्रेम कैसा होगा। जिसे अपने परिवार से ज्यादा अपनी जन्मस्थल की धरोहर की चिंता हो।

वडनगर को लेकर नरेंद्र मोदी का प्रेम आज भी उतना अटूट है, जितना बचपन में हुआ करता था। इसी के चलते आज वडनगर कुछ अलग ही है। पुराने वडनगर की बातें करते हुए सोमाभाई की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि आज वडनगर को देख लीजिए, यहां की सड़कें देख लीजिए।

नरेंद्र मोदी ने वडनगर के विकास के संकल्प को साकार कर दिया है। शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आज वडनगर की बात होने लगी है। यहां की गली-गली की सड़कें पक्की हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, यहां होने वाले कई वार्षिक महोत्सव रोजगार के बड़े स्रोत बन चुके हैं।

वडनगर के वृद्धाश्रम में दैनिक भास्कर के पत्रकार टीकेंद्र रावल के साथ सोमाभाई।

वडनगर के वृद्धाश्रम में दैनिक भास्कर के पत्रकार टीकेंद्र रावल के साथ सोमाभाई।

वडनगर के विकास से लोग समृद्ध हुए

आमतौर पर नरेंद्र मोदी का परिवार मीडिया से दूर ही रहता है और बड़े भाई सोमाभाई भी उससे अछूते नहीं हैं। हालांकि, हमारे कहने पर उन्होंने खुलकर बातें की और कई रोचक बातें हमसे शेयर कीं। वडनगर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वडनगर आज जो भी है, मोदी की वजह से ही है।

वडनगर के लगातार विकास के चलते यहां के लोग अब समृद्ध हो गए हैं। पहले वडनगर के सामान्य लोगों की आय 7-8 रुपए प्रति महीने हुआ करती थी, लेकिन अब रोजगार-धंधे बढ़ने से उनकी आय 15-20 रुपए महीने तक पहुंच गई है।

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