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- After Remaining Below Zero For 4 Consecutive Months The WPI Inflation Came At 0 Point 16 Pc In August
3 घंटे पहले
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थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई की दर अप्रैल में (-) 1.57%, मई में (-) 3.37%, जून में (-) 1.81% और जुलाई में (-) 0.58% थी
- पिछले साल अगस्त में थोक महंगाई की दर 1.17% रही थी
- पिछले महीने खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 3.84% रही
खाद्य वस्तुओं और मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों की कीमत बढ़ने के कारण अगस्त में थोक महंगाई की दर बढ़कर 0.16 फीसदी पर आ गई। इससे पहले लगातार 4 महीने से थोक महंगाई की दर शून्य से नीचे चल रही थी। अप्रैल में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई की दर (-) 1.57 फीसदी थी। मई में यह (-) 3.37 फीसदी, जून में (-) 1.81 फीसदी और जुलाई में (-) 0.58 फीसदी थी।
आलू पिछले साल के मुकाबले 82.93% महंगा हो गया
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पिछले साल अगस्त में थोक महंगाई की दर 1.17 फीसदी रही थी। पिछले महीने खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 3.84 फीसदी रही। आलू की कीमत में इस दौरान एक साल पहले की कीमत के मुकाबले 82.93 फीसदी का इजाफा हुआ।
सब्जी 7% से ज्यादा महंगी हुई, लेकिन प्याज सस्ता हुआ
सब्जियों की महंगाई दर 7.03 फीसदी रही। प्याज हालांकि इस दौरान 34.48 फीसदी सस्ता हो गया। ईंधन और बिजली की महंगाई दर घटकर 9.68 फीसदी पर आ गई, जो इससे पिछले महीने 9.84 फीसदी थी।
मैन्यूफैक्चर्ड उत्पाद 1.27% महंगे हुए
मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों की महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 1.27 फीसदी पर पहुंच गई, जो जुलाई में 0.51 फीसदी थी। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने महंगाई में बढ़ोतरी की संभावना का हवाला देते हुए मुख्य ब्याज दर (रेपो दर) को जस का तस छोड़ दिया था। आरबीआई के मुताबिक अक्टूबर से मार्च के बीच महंगाई दर में थोड़ी गिरावट आ सकती है।
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