May 6, 2024 : 3:18 PM
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निविडिया ने 2.93 लाख करोड़ रुपए में खरीदी सॉफ्टबैंक ग्रुप की चिप कंपनी आर्म होल्डिंग्स, यह सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की सबसे बड़ी डील

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  • Nvidia Buys Softbank Group’s Chip Company Arm Holdings In 40 Billion Dollars

नई दिल्ली3 घंटे पहले

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  • कैश एंड स्टॉक ट्रांसफर के आधार पर हुआ दोनों कंपनियों में सौदा
  • सॉफ्टबैंक में 2016 में 31.4 बिलियन डॉलर में खरीदी थी आर्म होल्डिंग्स

वीडियो गेम्स के लिए ग्राफिक चिप बनाने वाली कंपनी निविडिया ने सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प की ब्रिटिश चिप डिजाइनर कंपनी आर्म होल्डिंग को खरीद लिया है। यह सौदा 40 बिलियन डॉलर यानी करीब 2.93 लाख करोड़ रुपए में हुआ है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में यह सबसे बड़ा डील है। इस डील के साथ निविडिया दुनिया की सबसे बड़ी चिप मेकर कंपनी बन गई है। निविडिया ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी है।

सॉफ्टबैंक को 12 बिलियन डॉलर नकद देगा निविडिया

निविडिया और सॉफ्टबैंक के बीच यह सौदा कैश एंड स्टॉक ट्रांसफर के आधार पर हुआ है। बयान के मुताबिक, निविडिया 21.5 बिलियन डॉलर (करीब 1.57 लाख करोड़ रुपए) की वैल्यू के स्टॉक सॉफ्टबैंक को देगी। इसके अलावा 12 बिलियन डॉलर (करीब 88 हजार करोड़ रुपए) नकद दिए जाएंगे। इसमें से 2 बिलियन डॉलर (करीब 14 हजार करोड़ रुपए) का भुगतान समझौते के समय दिया जाएगा। आर्म के लिए निश्चित किए गए लक्ष्यों के प्रदर्शन के आधार पर सॉफ्टबैंक को 5 बिलियन डॉलर (करीब 36 हजार करोड़ रुपए) की राशि कैश या स्टॉक के रूप में दी जाएगी। आर्म होल्डिंग्स के कर्मचारियों को 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) की वैल्यू के निविडिया के स्टॉक दिए जाएंगे।

सौदे के बाद सॉफ्टबैंक के शेयरों में आया उछाल

निविडिया के साथ सौदे की खबरें सामने आने के बाद सॉफ्टबैंक ग्रुप के शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है। आर्म होल्डिंग्स फोन और टेबलेट्स जैसी मोबाइल डिवाइस को चिप तकनीक उपलब्ध कराती है। इसके अलावा कंपनी कार, डाटा सेंटर सर्विसेज और अन्य डिवाइस के लिए प्रोसेसर भी उपलब्ध कराती है। हालांकि, यह ब्रिटिश कंपनी चिप का निर्माण नहीं करती है। सालाना 1 बिलियन से ज्यादा स्मार्टफोन में आर्म होल्डिंग्स की तकनीक का इस्तेमाल होता है।

सॉफ्टबैंक ग्रुप ने 2016 में खरीदी थी आर्म होल्डिंग

जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प ने 2016 में आर्म होल्डिंग को खरीदा था। यह खरीदारी 31.4 बिलियन डॉलर में हुई थी। यह उस समय का सबसे बड़ा सौदा था। सॉफ्टबैंक ग्रुप ने अपने इंटरनेट कारोबार के विस्तार के लिए इस कंपनी को खरीदा था। सॉफ्टबैंक ग्रुप इस कारोबार में ग्रोथ के लिए जूझ रहा है। ऐसे में यह सौदा कंपनी के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बयान के मुताबिक, इस सौदे के पूरा होने के बाद निविडिया में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी।

18 महीने में सौदा पूरा होने की उम्मीद

इस सौदे को पूरा होने के लिए चीन, यूके, यूरोपीयन यूनियन और अमेरिकी रेगुलेटरी से मंजूरी लेनी होगी। इस प्रक्रिया में 18 महीने का समय लग सकता है। टोक्यो एडवाइजरी फर्म के प्रमुख कोजी हिराई का कहना है कि इस सौदे के बाद आर्म होल्डिंग अमेरिकी कंपनी बन जाएगी। आर्म होल्डिंग की चीनी इकाई का संचालन चीन करता है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को लेकर अमेरिका और चीन तनाव बना हुआ है। ऐसे में चीन से मंजूरी लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

एक दशक में ऐसे बढ़ा निविडिया का शेयर

2010 के अंत में निविडिया के शेयर की वैल्यू 15.42 डॉलर के करीब थी। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 486.58 डॉलर प्रति शेयर पर बंद हुआ है। इस तेजी की बदौलत निविडिया की मार्केट वैल्यू 500 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गई है। यह इंटेल की मार्केट वैल्यू से काफी ज्यादा है।

एपल और इंटेल से रिलेशन पर पड़ सकता है असर

इस सौदे के कारण आर्म होल्डिंग के मौजूदा ग्राहकों एपल इंक और इंटेल कॉरपोरेशन के साथ रिश्ते पर असर पड़ सकता है। हालांकि, निविडिया आर्म होल्डिंग्स के ग्राहकों के साथ बड़े पैमाने पर भागीदारी कर सकती है। इसका कारण यह है कि निविडिया एपल इंक और इंटेल कॉरपोरेशन के साथ कारोबारी मुकाबला नहीं करती है। एनालिस्टों का कहना है कि आर्म होल्डिंग्स के मौजूदा लाइसेंसधारक इस सौदे के बाद भी उसके साथ बने रहेंगे।

ब्रिटेन में ही रहेगा आर्म होल्डिंग्स का मुख्यालय

निविडिया के सीईओ जेनसेन हुआंग का कहना है कि हम आर्म होल्डिंग्स की निष्पक्षता और इसके ग्राहकों को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि निविडिया ने इस खरीदारी के लिए बड़ी मात्रा में राशि खर्च की है। हम ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जिससे आर्म होल्डिंग्स के ग्राहक दूर चले जाएं। उन्होंने कहा कि आर्म होल्डिंग्स का मुख्यालय ब्रिटेन में बना रहा। निविडिया ने कहा कि वह आर्म होल्डिंग्स के लाइसेंसधारकों को अपनी तकनीक भी उपलब्ध कराएगा।

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