भाेपाल2 घंटे पहले
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- विशेषज्ञ बाेले- दाे किस्ताें में ब्याज दिए जाने से नुकसान, संगठन का पुरजाेर विराेध
कर्मचारी भविष्य निधि के अंशदाताओं के ब्याज का निर्धारण अब मार्च के बजाय अक्टूबर में हाेगा। ब्याज भी दाे किस्ताें में दिया जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से कर्मचारियाें के साथ इनका नेतृत्व करने वाले संगठनाें में आक्राेश है।
सबसे बड़े संगठन एम्पलाइज नेशनल काे ऑर्डिनेशन कमेटी के पदाधिकारियाें का कहना है कि इससे अंशदाताओं काे नुकसान हाेगा। ईपीएफ एक्सपर्ट चंद्रशेखर परसाई का कहना है कि बुधवार काे हुई सेंट्रल बाेर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में अंशदाताओं का ब्याज दो किस्तों में दिए जाने का निर्णय उचित नहीं है। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भीमराव डाेंगरे ने कहा कि बैठक में न्यूनतम पेंशन का निर्णय ही नहीं लिया गया, हम नई पेंशन स्कीम का भी विरोध करते हैं।
नई पेंशन स्कीम में 10 व 20% की कटौती प्रस्तावित है। परसाई का कहना है कि ब्याज का निर्धारण 8.50 प्रतिशत की दर से स्वीकृत किया गया है। पिछले साल ब्याज की दर 8.65 फीसदी थी। इसमें कमी की गई है। 8.15 फीसदी ब्याज अक्टूबर में दिया जाएगा। 0.35% का निर्धारण दिसंबर माह में शेयर बाजार में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश के आधार पर किया जाएगा। जरूरी नहीं है कि शेयर मार्केट में लाभ हो। इस तरह दूसरी किस्त का मामला उलझ सकता है।
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