May 19, 2024 : 6:53 PM
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कचरे के ढेर में पड़ी हुई हैं कोरोना मृतकों की लाशें, शवों के ऊपर भी रख दिया सामान, श्मशान में चल रही है वेटिंग

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राजकोट3 घंटे पहले

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राजकोट के सिविल अस्पताल का कोविड शवघर का हाल। गुजरात में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा गुरुवार को एक लाख के आंकड़े (100375) को पार कर गया।

  • शव वाहिनी के 6-8 राउंड लगते हैं और शव ज्यादा होने के चलते एक बार में दो बॉडी अंतिम स्थल तक पहुंचाई जा रही
  • अंतिम संस्कार करने वाले ने बताया कि सबसे ज्यादा अंतिम संस्कार रात में होते हैं क्योंकि, ज्यादातर शव रात में आते हैं

कोरोना महामारी के खौफ के बीच झकझोर देने वाली तस्वीर राजकोट के सिविल अस्पताल की है। जहां शव घर में कोरोना मृतकों की लाशों के साथ अमानवीयता की जा रही है। गैलरी में फिलहाल 9 शव रखे हुए हैं, जिनके आसपास कचरे का ढेर है।

दैनिक भास्कर की कवरेज के बाद कुछ शव रात को ही श्मशान भेज दिए गए थे। अस्पताल में शव इतने हैं कि शव वाहिनी के ड्राइवर और श्मशान में कार्यरत सेवकों के पास खाने और सोने तक का समय नहीं है। श्मशान में अंतिम क्रिया के लिए वेटिंग है।

शव वाहन से एक बार में दो-दो बॉडी अंतिम स्थल तक पहुंचाई जा रही हैं।

शव वाहन से एक बार में दो-दो बॉडी अंतिम स्थल तक पहुंचाई जा रही हैं।

शव वाहन में रखे जा रहे दो-दो शव
राजकोट में कोरोना मृतकों की क्या हालत है? मौतों की सही संख्या क्या है?, इसका पता लगाने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कोविड अस्पताल से श्मशान गृह तक लगातार 14 घंटे रिपोर्टिंग की। भास्कर की टीम सिविल अस्पताल पहुंची तो स्टाफ मृतकों की अंतिम क्रिया के लिए श्मशान और कब्रिस्तान में फोन लगा रहे थे। शव ढोने वाली गाड़ियों में दो-दो शव रखे जा रहे थे। यह देखकर हमारी टीम ने अंदाजा लगा लिया कि शवों की संख्या ज्यादा है और इसकी पड़ताल करने टीम कोविड के शव घर तक जा पहुंची।

शव के ऊपर ही रखा हुआ पॉलीथीन और बैग।

शव के ऊपर ही रखा हुआ पॉलीथीन और बैग।

ऐसा था शव घर का हाल
शव घर का एक दरवाजा खुला हुआ था और यहां एक लॉबी में दीवार किनारे 9 शव रखे हुए थे। शवों के बगल में ही कचरे का ढेर लगा हुआ था। इतना ही नहीं, एक शव के ऊपर ही पॉलीथीन और बैग भी रखा हुआ था। इसी दौरान शव ढोने वाले ड्राइवर से बात की तो उसने बताया कि अभी तक मैं 6 राउंड लगा चुका हूं और शव ज्यादा होने के चलते हर बार दो बॉडी श्मशान तक लेकर जा रहा हूं।

रामनाथपुरा श्मशान में 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

रामनाथपुरा श्मशान में 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

24 घंटे हो रहा अंतिम संस्कार
हिंदू मृतकों को रामनाथपुरा श्मशान और मुस्लिम मृतकों को पास ही स्थित कब्रिस्तान ले जाया जा रहा है। भास्कर की टीम शव वाहिनी यानी शव वाहन के पीछे-पीछे रामनाथपुर श्मशान तक पुहंची। यहां भट्टी को चलाने वाले दिनेश भाई से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी दोपहर के 1 बजे हैं और अब तक 8 लाशें आ चुकी हैं। भट्टी सुबह से एक बार भी बंद नहीं हुई है। पिछले 15-20 दिनों से हालात इतने खराब हैं कि 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में ढाई से तीन घंटे का समय लग जाता है।

कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में ढाई से तीन घंटे का समय लग जाता है।

लगातार चालू रहती भट्टी
भट्टी का तापमान 600 डिग्री सेल्सियस होता है। सामान्य कद वाले शवों की अंतिम क्रिया में 1 से डेढ़ घंटे का समय लगता है। कोरोना मृतकों के मामले में तो ढाई से तीन घंटे का समय लग जाता है। वहीं, 27 अगस्त को यहां 18 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। आज से पहले इतने समय तक यहां की भट्टी कभी इतनी देर तक चालू नहीं रही।

रात को होते हैं ज्यादा अंतिम संस्कार
दिनेश ने ही बताया कि सबसे ज्यादा अंतिम संस्कार रात के समय होते हैं। क्योंकि, अस्पताल से ज्यादातर शव रात को ही भेजे जाते हैं। रात के 9 बजे से सुबह 7 बजे तक 7 से 10 लाशों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यह रिकॉर्ड हमें श्मशान के रजिस्टर से मिला।

गुजरात में कोरोना की स्थिति
गुजरात में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा गुरुवार को एक लाख के आंकड़े (100375) को पार कर गया। राज्य में कोरोना का पहला मामला 19 मार्च को राजकोट और सूरत में सामने आया था। वहीं, 22 मार्च को सूरत में कोरोना से पहली मौत दर्ज की गई थी। इसके बाद से लगातार यह संख्या बढ़ती चली गई।

गुरुवार को एक ही दिन में प्रदेश में 1325 नए मरीज सामने आए हैं। यह लगातार तीसरा दिन है, जब प्रदेश में मरीजों की संख्या 1300 के पार हो गई है। एक ही दिन में 16 मरीजों की मौत भी हो गई है। जिससे मौत का आंकड़ा भी बढ़कर 3064 हो गया है।

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