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जानिए चीन के इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सबसे बड़ी कंपनी सीसीसीसी को बैन करने के क्या मायने हैं? इसने दुनिया के कई देशों को कर्ज के जाल में फंसाया है

नई दिल्ली2 दिन पहले

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  • पोम्पियो बोले- चीन की विस्तारवादी नीति का हथियार है चाइना कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन कंपनी
  • अमेरिका ने दुनियाभर के देशों से चीनी कंपनी के साथ काम न करने की अपील की

अमेरिका की अब चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (प्रोजेक्ट) पर नजर है। हाल ही में अमेरिका ने चीन की 24 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, इसमें चाइना कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन कंपनी (सीसीसीसी) भी है। चीन की यह विशाल कंपनी और इसकी सहायक कंपनियां बड़े पैमाने पर इंफ्रस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए जानी जाती है।

इस कंपनी पर चीन की सरकार से मिलकर कमजोर देशों को कर्ज के जाल में फंसाने और दुनियाभर में इकोलॉजिकल सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। यह दुनियाभर में बीआरआई( सड़क और समुद्री मार्ग तैयार करने) के प्रोजेक्ट का काम कर रही है। हालांकि, अमेरिका ने इसे बैन करते वक्त बीआरआई का जिक्र नहीं किया। अमेरिका ने साउथ चाइना सी में अवैध गतिविधियों में जुड़े होने का आरोप लगाया है। लेकिन, माना यही जा रहा है कि इस कंपनी को बैन करके अमेरिका की नजर अब सीधे बीआरआई प्रोजक्ट पर है।

कितनी बड़ी है यह कंपनी?
सीसीसीसी बीआरआई के तहत 157 देशों में 923 प्रोजेक्टों पर काम कर रही है। फिच की रेटिंग के अनुमान के मुताबिक 2013 से पांच साल तक सीसीसीसी ने बेल्ट एंड रोड के देशों में 63 अरब डॉलर (करीब 4611 अरब रुपए) के कान्ट्रैक्ट साइन किए थे। अमेरिका के विदेश मंत्री ने सीसीसीसी को चीन की विस्तारवादी नीति को अंजाम देने का हथियार बताया है। उन्होंने दुनियाभर से इन चीनी कंपनियों के साथ न काम करने की अपील की है।

क्यों बदनाम है कंपनी?

1. श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाया
सीसीसीसी तब चर्चा में आई थी जब इसकी सहायक कंपनी चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी (सीएचईसी) ने श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह में डेवलपमेंट का काम किया था। इसके बाद श्रीलंका इतने कर्ज में आ गया कि उसे अपना बंदरगाह चीन को 99 साल के लिए लीज पर देना पड़ा। इसने पाकिस्तान के ग्वादर इटली के ट्रिएस्टे और जिनोआ बंदरगाहों में भी काम किया है।

2. बांग्लादेश में जाल फैलाने के लिए चाय के डिब्बे में घूस देने की कोशिश की
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में भी यह कंपनी अपना जाल फैलाने की कोशिश कर रही है। सीएचईसी कंपनी के एक अधिकारी ने बड़ा ठेका पाने के लिए बांग्लादेश के सड़क मंत्रालय के एक अधिकारी को चाय के बक्से में 10 हजार डॉलर ( 73 लाख रुपए) की घूस देने की कोशिश की थी। इन्हीं करतूतों के चलते वर्ल्ड बैंक ने 2009 में फिलिपींस में अपने रुपयों से चलने वाले प्रोजेक्ट में आठ साल तक सीसीसीसी के टेंडर डालने पर रोक लगा दी थी।

क्या है चीन का बीआरआई प्रोजेक्ट?

चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव कई देशों का कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट है। चीन इसके तहत एशिया से लेकर यूरोप तक वह सड़क और समुद्र मार्गों का एक नेटवर्क तैयार कर रहा है। इसके लिए वह कई देशों को भारी-भरकम कर्ज दे रहा है। कर्ज न लौटा पाने पर वह उनके बंदरगाहों पर कब्जा कर लेता है। यह किसी भी देश की तरफ रे शुरू किया गया अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हैं।

अमेरिका ने 24 चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है
अमेरिका ने हाल ही में सीसीसीसी समेत 24 चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। ये कंपनियां अमेरिका में अपना बिजनेस नहीं कर पाएंगी। अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियां चीन की सरकार और सेना की मदद करती हैं। इन कंपनियों ने साउथ चाइना सी में ऑर्टिफिशियल द्वीप बनाकर चीन को सैन्य अड्डा बनाने में मदद करती हैं। इससे पर्यावरण को भी बहुत नुकसान हुआ है।

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