नई दिल्ली7 घंटे पहले
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19 अगस्त 2020 तक जन धन खातों की संख्या बढ़कर 40.35 करोड़ पर पहुंच गए है। इसमें से 34.81 करोड़ या 86.3 फीसदी खाते सक्रिय हैं।
- 28 अगस्त 2014 को शुरू हुई थी वित्तीय समावेशन वाली राष्ट्रीय योजना
- कोरोना काल में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में निभाई अहम भूमिका
वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन के तौर पर शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को आज 6 साल पूरे हो गए हैं। इस योजना से अब तक 40.35 करोड़ भारतीयों को लाभ मिला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यह बात कही।
28 अगस्त 2014 को लॉन्च हुई थी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में जन धन योजना की घोषणा की थी। इसके बाद 28 अगस्त को इस योजना को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया था। यह योजना मोदी सरकार की लोगों पर केंद्रित आर्थिक पहलों के लिए नींव का पत्थर थी। योजना की छठी वर्षगांठ पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर, कोविड-19 वित्तीय सहायता, पीएम किसान, मनरेगा और जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए सबसे पहले प्रत्येक व्यस्क व्यक्ति को बैंक खाता देना पहला कदम था। पीएमजेडीवाई के साथ यह कार्य हुआ है।
वित्तीय समावेशन मोदी सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकता
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, वित्तीय समावेशन मोदी सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकता है। यह योजना समावेशी विकास के लिए योग्य बनाती है। बयान में कहा गया है कि यह योजना गरीब परिवारों को अपनी बचत को औपचारिक वित्तीय सिस्टम में लाने की सुविधा उपलब्ध कराती है। इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएमजेडीवाई से अनबैंक्ड राशि बैंकिंग सिस्टम में आई और भारत के वित्तीय आर्किटेक्चर का विस्तार हुआ। योजना से 40 करोड़ खाताधारकों को वित्तीय समावेशन का लाभ मिला। इस योजना में ज्यादातर लाभार्थी महिलाएं हैं और अधिकांश खाते ग्रामीण क्षेत्र से हैं।
पीएमजेडीवाई खातों में इस समय 1.31 लाख करोड़ रुपए
वित्त मंत्रालय के मुताबिक पीएमजेडीवाई खातों में इस समय 1.31 लाख करोड़ रुपए जमा है। एक बैंक खाते में औसतन 3,239 रुपए जमा हैं। पीएमजेडीवाई वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है। इस योजना के जरिए सेविंग और डिपॉजिट खाते, मुआवजा, क्रेडिट, इंश्योरेंस, पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं का लाभ आसानी से मिलता है।
2018 में बढ़ाई गई सुविधाएं
सरकार ने 2018 में पीएमजेडीवाई 2.0 को कई नए फीचर्स और बेनेफिट के साथ रीलॉन्च किया गया। नए वर्जन में सरकार ने प्रत्येक घर के बजाए प्रत्येक व्यस्क व्यक्ति को बैंक खाते की सुविधा देने का लक्ष्य तय किया। साथ ही पीएमजेडीवाई खाते के रूपे कार्ड के साथ 2 लाख रुपए का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर मुफ्त दिया गया। यह सुविधा 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए पीएमजेडीवाई खातों पर दी जा रही है। इसके अलावा ओवरड्राफ्ट (ओडी) लिमिट की सुविधा को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया गया।
योजना में एक साल में 3.6 करोड़ नए खाते खुले
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक, पिछले एक साल में 3.6 करोड़ नए जन धन खाते खोले गए हैं। इनकी बदौलत 19 अगस्त 2020 तक जन धन खातों की संख्या बढ़कर 40.35 करोड़ पर पहुंच गए है। इसमें से 34.81 करोड़ या 86.3 फीसदी खाते सक्रिय हैं। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक यदि किसी बैंक खाते में दो साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता है तो उसे निष्क्रिय खाता माना जाता है।
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