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- The Biggest Decline In The US Economy So Far Record 31 Point 7 Pc Fall In Worlds Largest Economy In June Quarter
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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इससे पहले अमेरिका ने जीडीपी में जून तिमाही में 32.9% फीसदी गिरावट का पहला अनुमान दिया था
- अमेरिका के रिकार्डेड जीडीपी में इससे पहले सबसे बड़ी तिमाही गिरावट 1958 में 10 फीसदी दर्ज की गई थी
- अमेरिका ने जीडीपी विकास का रिकॉर्ड 1947 से रखना शुरू किया है
कोरोनावायरस महामारी के कारण अमेरिका की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्डेड इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए गुरुवार को जारी अपने दूसरे अनुमान में कहा कि अर्थव्यवस्था में 31.7 फीसदी गिरावट आई है। पहले अनुमान में सरकार ने जुलाई के आखिर में कहा था कि जून तिमाही में अमेरिका की इकॉनोमी 32.9 फीसदी गिरी है।
इससे पहले अमेरिकी इकॉनोमी के रिकॉर्ड में सबसे बड़ी तिमाही गिरावट 1958 में आई थी। उस समय इकॉनोमी 10 फीसदी गिरी थी। अमेरिका ने जीडीपी विकास का रिकॉर्ड 1947 से रखना शुरू किया है।
साल की पहली तिमाही में 5% गिरी थी अमेरिका की इकॉनोमी
जून तिमाही में लॉकडाउन के कारण दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कारोबारी गतिविधियां बाधित हुईं और लाखों कामगार बेरोजगार हुए। इस साल की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी की गिरावट आई थी। अमेरिका में कोरोनावायरस संक्रमण का मामला फरवरी से आना शुरू हुआ था।
जल्द आर्थिक रिकवरी की उम्मीद नहीं
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक आर्थिक रिकवरी जल्दी होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि वायरस संक्रमण की रफ्तार थमी नहीं है लेकिन सरकार की ओर से वित्तीय राहत थम गई है। ऑक्सफोर्ड इकॉनोमिक्स की सीनियर इकॉनोमिस्ट लिडिया बोसोर ने कहा कि हम फॉल सीजन की तरफ बढ़ रहे हैं और हमारे सामने 4 बड़ी चुनौतियां हैं। ये हैं : और वित्तीय राहत का अभाव, फ्लू के सीजन में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर, चुनाव से जुड़ी अनिश्चितता और चीन के साथ व्यापारिक तनाव में बढ़ोतरी।
हर सप्ताह करीब 10 लाख लोग जॉबलेस बेनिफिट के लिए आवेदन कर रहे
अमेरिका में हर सप्ताह करीब 10 लाख लोग जॉबलेस बेनिफिट के लिए आवेदन कर रहे हैं, जबकि बेरोजगारों को मिलने वाली सहायता में कमी आई है। उपभोक्ता विश्वास में कमी आई है। शेयर बाजार और मकानों की बिक्री में उछाल आया है। अर्थव्यवस्था में ठहराव के संकेत दिख रहे हैं और लाखों लोगों पर किराए के घर से निकाले जाने का खतरा मंडरा रहा है।
भारत का कोई भी एफटीए पार्टनर सिर्फ अपना लेवल लगाकर किसी तीसरे देश का माल यहां डंप नहीं कर पाएगा
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