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मुंबई की महिला सिक्योरिटी गार्ड को प्रेग्नेंसी के 13वें हफ्ते में संक्रमण हुआ, गर्भनाल के जरिए वायरस भ्रूण तक पहुंचा; भ्रूण की मौत

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2 घंटे पहले

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  • संक्रमण के बाद महिला में लक्षण नहीं दिखे, एहतियात के तौर पर हुई कोविड की जांच में कोरोना की पुष्टि हुई
  • दो हफ्तों बाद जब रिपोर्ट निगेटिव आई तो महिला का अल्ट्रासाउंड हुआ, रिपोर्ट में भ्रूण की मौत होने की बात सामने आई

कोरोना से गर्भपात (मिसकैरेज) होने का देश का पहला मामला मुंबई में सामने आया है। मुम्बई में बतौर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाली महिला को वायरस का संक्रमण हुआ। संक्रमण भ्रूण तक पहुंचा और 13 हफ्ते के भ्रूण की मौत हो गई।

इस मामले पर आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ ने रिसर्च की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिला की गर्भनाल (प्लेसेंटा) में कोरोना की पुष्टि हुई है। यहीं से संक्रमण भ्रूण तक पहुंचा।

5 पॉइंट : कब-क्या हुआ

  • हेल्थ साइंस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, महिला मुम्बई के सरकारी अस्पताल में बतौर सिक्योरिटी गार्ड नौकरी करती है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में उसे कोरोना का संक्रमण हुआ लेकिन कोई लक्षण नहीं नजर आए।
  • अस्पताल में बचाव के तौर पर स्टाफ की होने वाली जांच में कोरोना की पुष्टि हुई। महिला को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। दो हफ्तों के बाद जब रिपोर्ट निगेटिव आई तो उसका अल्ट्रासाउंड हुआ। रिपोर्ट में सामने आया कि पेट में पल रहे भ्रूण की मौत हो गई है।
  • रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रूण कोख में ‘हायड्रॉप्स फेटेलिस’ की स्थिति से जूझ रहा था। ऐसी स्थिति में शरीर में असामान्य तरीके से तरल पदार्थ इकट्‌ठा हो जाता हैं। ऐसा सूजन के कारण हो सकता है।
  • नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ के गर्भनाल विशेषज्ञ डॉ. दीपक मोदी के मुताबिक, ट्रीटमेंट के बाद कई बार महिला की जांच की गई है, इसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसका मतलब यह है कि वायरस गले और नाक से निकल गया हो लेकिन यह कोख तक पहुंच गया।
  • डॉ. दीपक मोदी के मुताबिक, गर्भनाल, एम्नियोटिक फ्लुइड और फीटल मेम्ब्रेन की जांच की गई है। गर्भनाल और एम्नियोटिक फ्लुइड में कोरोनावायरस पाया गया है। यह मामला चौंकाने वाला है।

संक्रमण रोकने वाला गर्भनाल ही संक्रमित
गर्भनाल आमतौर पर पेट में पल रहे बच्चे को बाहरी संक्रमण से बचाने का काम भी करता है। लेकिन पिछली कुछ रिसर्च में यह सामने आया है कि इसमें बड़ी संख्या में कोरोना वायरस मिल सकते हैं। इतना ही नहीं, यहां वायरस अपनी संख्या भी बढ़ा सकते हैं।

दुनियाभर में 17 ऐसी रिसर्च हुई हैं। इनमें 93 कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया। जब गर्भनाल की जांच हुई तो 12 फीसदी मामलों में कोरोनावायरस गर्भनाल में ही मिला।

स्विटजरलैंड में भी ऐसा ही मामला आया
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का संक्रमण गर्भनाल से हुआ। इसमें सूजन आई और भ्रूण की मौत हो गई। मार्च में स्विटजरलैंड में भी ऐसा ही मामला सामने आया। 28 साल की अधिक वजन वाली महिला को संक्रमण हुआ और मिसकैरेज हुआ।

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ की डायरेक्टर स्मिता महले के मुताबिक, हमें सिंगल सेल RNA सीक्वेंसिंग डाटा का प्रयोग किया। इससे पता चला कि गर्भनाल की कोशिशकाएं वायरस को रेप्लिकेट यानी संख्या बढ़ाने में मदद करती हैं। हम अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वायरस गर्भनाल तक क्यों पहुंचा।

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