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- 5G Technology | Russia Wants Cooperation With China On 5G Technology Russian Foreign Minister Sergei Lavrov Criticize USA.
मॉस्कोएक घंटा पहले
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फोटो 18 जून 2017 की है। तब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव (बाएं) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात की थी।
- चीन और रूस के बीच 5जी नेटवर्क तैयार करने को लेकर पिछले साल से बातचीत चल रही है
- रूस के विदेश मंत्री ने कहा- यह जरूरत सिर्फ रूस को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को है
रूस ने साफ कर दिया है कि वो 5जी नेटवर्क तैयार करने में चीन की मदद लेने को तैयार है। दोनों देशों के बीच इस पर पिछले साल दिसंबर से बातचीत चल रही है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव ने रविवार को कहा- हमारा देश 5जी नेटवर्क तैयार करने और उसका विस्तार करने के मामले में चीन का सहयोग लेने के तैयार है। हम अमेरिका की राह पर नहीं चलना चाहते।
अमेरिका का आरोप है कि चीन की हुवेई कंपनी इस नेटवर्क के जरिए दुनिया के कई देशों में जासूसी करना चाहती है। ब्रिटेन और भारत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है।
अमेरिका की आलोचना
मॉस्को में मीडिया से बातचीत के दौरान लैवरोव ने कहा- 5जी नेटवर्क को लेकर अमेरिकी नजरिए से हम सहमत नहीं हैं। हम उसकी राह पर नहीं चलना चाहते। अमेरिका कहता है कि इस नेटवर्क के मामले में चीन की मदद नहीं लेना चाहए। उसे खास तौर पर चीनी कंपनी हुवेई से दिक्कत है। लेकिन, हमारे साथ ऐसा नहीं है। आपको एक बात समझ लेनी चाहिए कि सिर्फ रूस को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को अब 5जी नेटवर्क की जरूरत है।
दुनिया साथ आए
लैवरोव ने आगे कहा- टेक्नोलॉजी का विस्तार आज दुनिया की जरूरत है। इस मामले में सभी को साथ आना चाहिए। हमें मिलकर नई तकनीक का विस्तार करना होगा। इससे सभी को फायदा होगा। हमने अपने संबंधित विभागों को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं कि 5जी पर सहयोग के लिए तैयार रहें।
अमेरिका ने ब्राजील को चेतावनी दी
पिछले महीने ब्राजील इस नेटवर्क के लिए चीन की कंपनी हुवेई को कॉन्ट्रैक्ट देने वाला था। तब अमेरिका ने साफ कहा था कि अगर ब्राजील ने हुवेई को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा और ब्राजील को इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। इसके बाद ब्राजील सरकार ने टेंडर प्रॉसेस रोक दी थी।
अमेरिका ने विकल्प भी सुझाए
ब्राजील में अमेरिकी राजदूत टॉड चैपमेन ने मीडिया से कहा था- हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने में कोई अमेरिकी कंपनी शामिल नहीं है। न ये पैसा कमाने का मामला है। हम सिर्फ देश की सुरक्षा पर जोर देना चाहते हैं। ब्राजील के पास स्वीडन की इरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया के अलावा दक्षिण कोरिया की कंपनी के भी ऑप्शन हैं। हुवेई को कॉन्ट्रैक्ट कतई नहीं मिलना चाहिए।
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