May 6, 2024 : 8:04 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

अभी नहीं कह सकते कि रूसी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो सकेगा या नहीं, हमारे पास जानकारी नहीं; रूस ने कहा- ट्रायल डेटा पेश करेंगे

  • Hindi News
  • Happylife
  • Russia Corona Vaccine | World Health Organization (WHO) On Russian Vaccine, Says Sputnik V Is Not In Advanced Testing Stages

6 दिन पहले

  • रूस ने जिस वैक्सीन की सफलता का दावा किया है उसका एडवांस स्टेज ट्रायल नहीं हुआ
  • भारत सरकार ने देश में रूसी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल करने का दावा खारिज किया

सवालों से घिरी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ा बयान दिया है। WHO ने कहा, रूस ने जो वैक्सीन बनाने का दावा किया है उसका एडवांस स्टेज का ट्रायल हुआ ही नहीं है। यह दुनिया की उन 9 वैक्सीन में शामिल नहीं है जिनका एडवांस स्टेज का ट्रायल चल रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडेनोम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अभी तक यह तय करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है कि रूस में बनी कोविड-19 वैक्सीन का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है या नहीं।

दुनियाभर में बढ़ती आलोचना के बीच रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखायल मुराश्को ने शुक्रवार को कहा, वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का डाटा जल्द ही पेश किया जाएगा।

भारत ने खारिज किया रूस का दावा
हाल ही में रूस ने दावा किया था कि भारत समेत कई देश हमारी वैक्सीन का तीसरा ट्रायल अपने यहां कराने के इच्छुक हैं। इस पर भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति साफ की है। मंत्रालय का कहना है कि हमारे और रूस के बीच ऐसी कोई बातचीत हुई ही नहीं है।

वैक्सीन का स्टेटस जानने के लिए बातचीत जारी

रूस की वैक्सीन पर WHO के सीनियर एडवाइजर डॉ. ब्रूस एलवर्ड का कहना है, अभी हमारे पास इसके बारे में इतनी जानकारी नहीं है कि कोई फैसला ले सकें। हम वैक्सीन के बारे में अधिक जानकारी के लिए रशिया के साथ चर्चा कर रहे हैं। वैक्सीन का स्टेटस जानने के लिए बातचीत जारी है।

टेड्रोस ने चेतावनी दी कि सुरक्षित और प्रभावी टीकों की मांग ने देशों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी है, टीकों का दाम भी बढ़ा है। यह वैक्सीन की कीमतों को बढ़ा सकता है। उन्होंने विभिन्न देशों से ‘एसीटी एक्सीलरेटर’ योजना के लिए अधिक फंड मुहैया करवाने की अपील की, ताकि कोविड-19 से से जुड़े उपकरण वितरित किए जा सकें।

वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के दस्तावेजों ने सवालों का दायरा बढ़ाया

दुनियाभर में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी पर सवाल उठ रहे हैं। 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के दौरान पेश किए दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, इसे जानने के लिए पूरी क्लीनिकल स्टडी हुई ही नहीं।

डेली मेल की खबर के मुताबिक, ट्रायल के नाम पर 42 दिन में मात्र 38 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी गई। ट्रायल के तीसरे चरण पर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

रूसी सरकार का दावा था कि वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे, जबकि दस्तावेज बताते हैं कि 38 वॉलंटियर्स में 144 तरह के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। ट्रायल के 42 वें दिन भी 38 में से 31 वॉलंटियर्स इन साइडइफेक्ट से जूझते दिखे। वॉलंटियर्स को डोज लेने के बाद कई तरह दिक्कतें हुईं।

WHO का कहना है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।

WHO का कहना है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।

WHO ही नहीं, दुनियाभर के विशेषज्ञ सवाल उठा रहे

  • रशियन वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन से पहले वहां के विशेषज्ञों ने इसकी सुरक्षा और साइडइफेक्ट की आशंका जताई थी। मॉस्को की एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल ट्रायल ऑर्गोनाइजेशन (ACTO) ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था।
  • मॉस्को एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल ट्रायल ऑर्गोनाइजेशन की एग्जीक्युटिव डायरेक्टर स्वेतलाना जावीडोवा के मुताबिक, क्यों सभी कार्पोरेशन नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन रशिया के लोग नहीं? क्लीनिकल ट्रायल की गाइडलाइन हमारे खून में हैं जिसे कभी नहीं बदला जा सकता है। कोई भी अप्रमाणित वैक्सीन इंसानों को लगने के बाद क्या होगा, हम नहीं जानते।
  • WHO ने कहा है, रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता और सुरक्षा पर भरोसा करना मुश्किल है। वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइंस बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं, उन्हें इसका पालन करना ही होगा।
  • यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर फ्रांसुआ बैलक्स कहते है, रशिया का ऐसा करना शर्मनाक है। यह बेहद घटिया फैसला है। ट्रायल की गाइडलाइन को नजरअंदाज करके वैक्सीन को बड़े स्तर पर लोगों को देना गलत है। इंसान की सेहत पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा।
  • जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान के मुताबिक, रशियन वैक्सीन की पर्याप्त जांच नहीं की गई। इसे लोगों को देना खतरनाक साबित हो सकता है। वैक्सीन सबसे पहले बने, इससे ज्यादा जरूरी है यह सुरक्षित हो।
  • अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉकी ने वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए कहा, बिना पूरे ट्रायल हुए वैक्सीन को बांटने की तैयारी करना समस्या को और बढ़ा सकता है। नेशनल जियोग्राफिक को दिए इंटरव्यू में डॉ. एंथनी ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं रशिया ने वाकई में वैक्सीन को प्रमाणित कराया हो और यह सुरक्षित साबित हो।
  • अमेरिकी हेल्थ एंड ह्यूमन सेक्रेट्री एलेक्स एजर के मुताबिक, सबसे जरूरी बात है कि वैक्सीन से जुड़ा हर डाटा पारदर्शी हो। यही इसे प्रमाणित करेगा कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है और लोगों को बीमारी बचा पाएगी या नहीं।

0

Related posts

7.6 करोड़ साल पुराने डायनासोर की जिस हड्‌डी को फ्रैक्चर समझा जा रहा था, उसमें कैंसर की पुष्टि हुई; ट्यूमर सेब से भी बड़ा

News Blast

मंगल का राशि परिवर्तन:मिथुन, तुला और मीन राशि वाले लोगों के लिए 4 सितंबर तक रहेगा अच्छा समय

News Blast

मंदिर में दर्शन के बाद अगर पुजारी भगवान पर चढ़े फूल दें तो उनका क्या करना चाहिए? इसके दो तरीके हैं

News Blast

टिप्पणी दें