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- Vodafone Idea Reliance Jio | Telecom Regulator TRAI Sends Notice To Airtel, Vodafone Idea Related To Premium Plan Case
नई दिल्ली25 मिनट पहले
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दूरसंचार कंपनियां सरकार से टैरिफ प्लान में लचीलापन और फ्लोर टैरिफ की मांग कर रहीं हैं। लेकिन सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
- ट्राई ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल को विवाद पर अपना का पक्ष रखने को कहा था
- कंपनियां प्रीमियम प्लान मामले से जुड़े दस्तावेजों को अभी तक जमा नहीं कर पाई हैं
दूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को प्रायरिटी 4G नेटवर्क संबंधित मामले से जुड़े जरुरी दस्तावेजों जमा करने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले को ट्राई जल्द निपटाना चाहता है। वोडाफोन आइडिया ने फिलहाल 20 अगस्त तक समय मांगा है। लेकिन भारती एयरटेल ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं भेजा है।
10 अगस्त को ट्राई ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल से विवाद पर कंपनियों का पक्ष रखने को कहा था। इसमें एयरटेल ने अपने प्लेटिनम प्लान के बचाव में वोडाफोन आइडिया के RedX प्लान को लेकर ट्राई पर सवाल खड़ा किया और कहा कि जब प्लान 8-9 महीने पहले ही मार्केट आ गया था ट्राई RedX प्लान पर कोई आपत्ति क्यूं नहीं जताई।
भारती एयरटेल ने एक और मुद्दा उठाया कि टेलीकॉम ऑपरेटर अक्सर अपने टैरिफ प्लान के बंडल में डेटा और अन्य सेवाओं के लिए छूट के संबंध में योजना से जुड़े लाभ देते हैं। तो वोडाफोन आइडिया ने भी गिरते डाटा और कॉल की दरों के दौर में कंपनी पर दोहरी मार पड़ने की बात कही।
क्या है प्रायरिटी 4G नेटवर्क विवाद ?
नवंबर 2019 में वोडाफोन आइडिया ने RedX प्लान को लांच किया था। जिसमें ग्राहक को 1099 रुपए प्रति माह देने थे। कंपनी पोस्टपेड ग्राहकों के लिए प्लान में 50% तेज डाटा स्पीड देने का दावा किया। उसके बाद साल 2020 के शुरुआत में भारती एयरटेल ने पोस्टपेड ग्राहकों के लिए प्लेटिनम प्लान लांच किया। इसकी कीमत 499 रुपए प्रति माह थी। जिसमें प्रायरिटी प्रेफरेंस के आधार पर 4G हाई स्पीड डाटा देने का दावा किया गया।
प्रायरिटी के आधार पर ग्राहकों को हाई स्पीड डाटा देने खिलाफ जुलाई में ट्राई में रिलायंस जियो ने शिकायत की। जियो का आरोप था कि इन प्लान से अन्य ग्राहकों को मिलने वाली सर्विस की गुणवत्ता में कमी आएगी। ट्राई ने तत्काल प्रभाव से दोनों कंपनियों के प्लान को रोकने का आदेश जारी कर दिया। ट्राई के इस फैसले के खिलाफ भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने टीडीएसएटी (TDSAT) में अपील की। उसके बाद टीडीएसएटी ने ट्राई के आदेश पर स्टे लगा दिया।
जानकार मानते हैं कि मामला ज्यादा बड़ा नहीं है। पोस्टपेड ग्राहकों के लिए हाई स्पीड डाटा और बेहतर सेवा अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी की मदद से दी जाती है। इससे सामान्य ग्राहकों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
पिछले हफ्ते ट्राई ने दोनों टेलीकॉम कंपनियों से जरुरी दस्तावेजों को जमा करने के लिए का था। जिसमें बाकी बचे दस्तावेजों और उससे संबंधित इंटरनेशनल सोर्स और स्टडीज को भी प्रस्तुत करने को कहा है। इस पर वोडाफोन आइडिया ने जवाब में 20 अगस्त तक सभी जरुरी दस्तावेज जमा करने की बात कही है।
टैरिफ प्लान में लचीलेपन की मांग
दूरसंचार कंपनियां सरकार से टैरिफ प्लान में लचीलापन और फ्लोर टैरिफ की मांग कर रहीं हैं। लेकिन सरकार ने अपना कोई रुख स्पष्ट नहीं किया है। जिससे कंपनियां ARPUS को मेंटेन नहीं कर पा रही हैं।
ट्राई द्वारा अप्रैल में जारी आंकड़ों के मुताबिक भारती एयरटेल 5.26 मिलियन और वोडाफोन आइडिया 4.51 मिलियन सब्स्क्राइबर गंवा चुके हैं। जबकि इसी महीने रिलायंस जियो के साथ 1.57 मिलियन सब्स्क्राइबर जुड़े थे। आकड़ों में रिलायंस जियो के पास कुल 389.09 मिलियन सब्स्क्राइबर, भारती एयरटेल के पास कुल 322.54 मिलियन सब्स्क्राइबर और वोडाफोन आइडिया के पास कुल 314.65 मिलियन सब्स्क्राइबर हैं।
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