- Hindi News
- Business
- New Delhi Is Considering Measures To Prevent Trade Partners Mainly In Southeast Asia From Re routing Chinese Goods To India With Little Added Value
नई दिल्ली2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
- भारत, एशियाई देशों से आने वाले सामानों की पोर्ट पर जांच में सख्ती बढ़ाएगा
- इस से मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर को भी नुकसान होने की आशंका
देशभर में चीन विरोधी लहर के बीच सरकार एक और सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत दक्षिण पूर्व एशिया के ट्रेड पार्टनर, खासतौर से चीन से आयात रोकने के उपायों पर विचार कर रहा है। चीन से तनावपूर्ण रिश्तों और आत्मनिर्भर भारत की जरूरतों को देखते हुए यह विचार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत इंपोर्ट कम करने और क्वालिटी बढ़ाने के लिए मेंडेट स्ट्रिंजेंट डिस्क्लोजर नॉर्म्स लागू करने और कई एशियाई देशों से आने वाले सामानों की पोर्ट पर कई बार जांच शुरू करने की योजना बना रहा है।
मोबाइल, लैपटॉप, टीवी को किया जाएगा टारगेट
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के इस कदम से मुख्य रूप से बेस मेटल, लैपटॉप, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, फर्नीचर, चमड़े के सामान, खिलौने, रबड़, कपड़े, एयर कंडीशनर और टीवी जैसे आइटम के इंपोर्ट को टारगेट किया जाएगा।
पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्रालय ने एक विशेष लाइसेंस हासिल करने के लिए इंपोर्टर्स की जरूरतों से से टीवी के इनबाउंड शिपमेंट को बैन करने का नोटिस जारी किया था।
इस कदम से मुख्य रूप से मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर को नुकसान होने की आशंका है। एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस (ASEAN) के सदस्यों के साथ भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) किया है। भारत, दक्षिण कोरिया से होने वाले हैवी ट्रेड फ्लो को लेकर भी चिंतित है।
क्वालिटी बढ़ाने पर फोकस
एक अधिकारी ने कहा, “कर्तव्यों का पालन करने का एक सीमित प्रभाव पड़ता है। अब हम गुणवत्ता मानकों को बढ़ाना चाहते हैं। कस्टम्स पहले की तुलना में ज्यादा सतर्क होगा।”
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। जून में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन की झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद से देश में चीन के प्रोडक्ट्स का लगातार विरोध हो रहा है।
बीते साल 6.5 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ
चीन, भारत का दूसरा बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी है। मार्च 2019 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में दोनों देशों के बीच 87 अरब डॉलर (6.5 लाख करोड़ रुपए) का व्यापार हुआ था।
0