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जियो फाइबर में 11,200 करोड़ रुपए का निवेश करेगा कतर का सॉवरेन फंड, 5जी नेटवर्क तैयार करने में मिलेगी मदद

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

मार्च 2019 में रिलायंस ने अपनी टेलीकॉम सब्सिडियरी रिलायंस जियो इंफोकॉम के फाइबर और टावर कारोबार को अलग किया था।

  • रिलायंस की फाइबर कारोबार की 85 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना
  • जियो प्लेटफॉर्म्स की 32.94 फीसदी हिस्सेदारी के लिए जुटाए 1.52 लाख करोड़
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की डिजिटल आर्म जियो प्लेटफॉर्म्स ने हाल ही में करीब 1.52 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है। अब आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी जियो फाइबर एसेट्स के जरिए निवेश जुटाने की तैयारी कर रहे हैं। एक खबर के मुताबिक, कतर के सॉवरेन फंड कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए) और आरआईएल के बीच जियो फाइबर में 1.5 बिलियन डॉलर करीब 11,200 करोड़ रुपए निवेश को लेकर चल रही बातचीत एडवांस्ड स्टेज पर पहुंच गई है। यह निवेश इंफ्रास्ट्रक्टर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के जरिए होगा, जो आरआईएल के फाइबर-ऑप्टिक एसेट्स को संभालती है।

जियो फाइबर में रेवेन्यू जुटाने की असीम संभावनाएं

इस मामले से वाकिफ एक सूत्र के मुताबिक, आरआईएल जियो को एसेट लाइट डिजिटल सर्विस कंपनी बनाना चाहती है। इसी योजना के तहत फाइबर नेटवर्क कारोबार का मॉनेटाइजेशन किया जा रहा है। साथ ही आरआईएल किफायती 5जी सर्विस पर आने वाली लागत में बचत के लिए अपने एसेट्स का मॉनेटाइजेशन कर रही है। सूत्र के मुताबिक, जियो फाइबर में रेवेन्यू जुटाने की असीम संभावनाएं हैं। सूत्र के मुताबिक, क्यूआईए रिलायंस के फाइबर कारोबार में 1.5 से 2 बिलियन डॉलर तक का निवेश कर सकती है।

इन्वेस्टमेंट बैंकर्स के लिए तीन कंपनियों का चयन

खबर के मुताबिक, रिलायंस ने इस निवेश के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकर्स के रूप में तीन कंपनियों का चयन किया है। इनमें सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, मोइलीज एंड कंपनी और आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज लिमिटेड शामिल हैं। पिछले साल रिलायंस ने InvIT के जरिए अपने टावर एसेट्स के लिए 25,215 करोड़ रुपए जुटाए थे। यह राशि कनाडा के ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से जुटाई गई थी।

जियो प्लेटफॉर्म्स में किया गया निवेश।

जियो डिजिटल फाइबर के पास 7 लाख किमी का नेटवर्क

जियो डिजिटल फाइबर के पास पूरे देश में 7 लाख किमी का फाइबर ऑप्टिक केबल नेटवर्क है। कंपनी इसे बढ़ाकर 1.1 मिलियन किमी तक पहुंचाने की योजना बना रही है। मार्च 2019 में रिलायंस ने अपनी टेलीकॉम सब्सिडियरी रिलायंस जियो इंफोकॉम के फाइबर और टावर कारोबार को अलग किया था। इसको जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और जियो इंफ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड में बांटा गया था। अब यह दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से कारोबार करती हैं और जियो इंफोकॉम इनकी स्पॉन्सर है।

InvIT की स्पॉन्सर बनी रहेगी जियो इंफोकॉम

आरआईएल के ताजा प्लान के मुताबिक, रिलायंस जियो इंफोकॉम InvIT की स्पॉन्सर बनी रहेगी और इसमें 15 फीसदी की हिस्सेदार रहेगी। वहीं, InvIT की 85 फीसदी हिस्सेदारी ग्लोबल इन्वेस्टर्स को बेची जाएगी। इसमें कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी को बेची जाने वाली हिस्सेदारी भी शामिल है। जियो फाइबर में कतर का इन्वेस्टमेंट तब आया है जब सरकार ने विदेशी सॉवरेन फंड के भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश को टैक्स से छूट दी है।

5जी नेटवर्क के लिए तैयार रिलायंस

रिलायंस ने 15 जुलाई को आयोजित एजीएम में कहा था कि जियो का 5जी नेटवर्क तैयार है और सरकार से स्पेक्ट्रम मिलते ही ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। कंपनी ने कहा था कि व्यापक फाइबर एसेट्स भारत में 5जी इकोसिस्टम तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। मौजूदा समय में जियो फाइबर के पास 699 रुपए से लेकर 8499 रुपए प्रतिमाह के प्लान हैं।

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