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- Gold Demand May Be Lowest This Year After 1994 Says World Gold Council
नई दिल्ली30 मिनट पहले
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डब्ल्यूजीसी ने कहा कि गोल्ड की कीमत रिकॉर्ड ऊपरी स्तर पर पहुंचने और लॉकडाउन के कारण लोगों की जेब में ज्यादा पैसा नहीं होने से सोने की मांग में भारी गिरावट आ सकती है
- 1994 में भारतीय उपभोक्ताओं ने कुल 415 टन सोना खरीदा था
- सोने की मांग घटने से हालांकि ट्र्रेड डिफिसिट कम होगा और रुपए को मजबूती मिलेगी
जनवरी से जून तक गोल्ड की मांग में भारी गिरावट के कारण इस साल भारत में सोने की मांग गिरकर 1994 के बाद सबसे निचले स्तर पर जा सकती है। यह बात वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की भारतीय इकाई के एमडी सोमासुंदरम पीआर ने कही। 1994 में भारतीय उपभोक्ताओं ने कुल 415 टन सोना खरीदा था। सोने की मांग गिरने से हालांकि देश का व्यापार घाटा कम होगा और अन्य मुद्राओं के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलेगी।
डब्ल्यूजीसी ने एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा कि देश में सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊपरी स्तर पर पहुंचने और लॉकडाउन के कारण लोगों की जेब में ज्यादा पैसा नहीं होने की वजह से सोने की मांग में भारी गिरावट आ सकती है। भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसलिए भारत में मांग कम रहने से सोने की वैश्विक कीमत पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।
छह महीने में 56% गिरी सोने की खपत
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सोने की खपत 2020 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में 56 फीसदी गिरकर 165.6 टन रही। लॉकडाउन वाली अप्रैल-जून तिमाही में यह खपत 70 फीसदी गिरकर 63.7 टन पर आ गई। यह पिछले एक दशक से ज्यादा समय की सबसे कम खपत है।
पिछली तिमाही में ज्वेलरी की मांग 74% घटी
रिपोर्ट के मुताबिक पिछली तिमाही में देश में ज्वेलरी की मांग 74 फीसदी गिरकर 44 टन पर आ गई। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के मुताबिक यह अब तक की सबसे कम तिमाही खपत है। पहली छमाही यानी, जनवरी से जून तक की अवधि में ज्वेलरी की मांग 60 फीसदी गिरकर 117.8 टन पर आ गई।
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