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डब्ल्यूएचओ ने माना- कोरोनावायरस के हवा से फैलने के सबूत हैं; दो दिन पहले 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने ऐसा ही दावा किया था

  • डब्लूएचओ ने कहा- हम हवा में फैलने के सबूतों को इकट्ठा कर समझ रहे हैं, हमारा काम जारी है
  • 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि छोटे-छोटे कण हवा में कई घंटों तक बने रहते हैं

दैनिक भास्कर

Jul 08, 2020, 11:13 AM IST

नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने हवा से कोरोनावायरस फैलने की बात स्वीकार कर ली है। डब्लूएचओ के तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि हम एयरबोर्न ट्रांसमिशन और एयरोसोल ट्रांसमिशन की संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं। 

डब्लूएचओ ने पहले कहा था कि यह संक्रमण नाक और मुंह से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित सतह को छूने से भी यह ट्रांसमिट होता है। डब्लूएचओ की तकनीकी हेड बेनेडेटा अल्लेग्रांजी ने कहा कि कोरोना के हवा से फैलने के सबूत मौजूद थे, लेकिन यह निश्चित नहीं था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों में हवा से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। खासकर ऐसी जगहों पर जहां काफी भीड़ हो या फिर कोई जगह बंद हो। या ऐसा स्थान जहां हवा ठीक से ना आ रही हो। 

32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा था- कोरोना हवा से भी फैल सकता है

  • पिछले दिनों 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि कोरोना हवा से फैल सकता है। इन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) को पत्र लिखकर इन दावों पर गौर करने और दिशा-निर्देशों में बदलाव करने की गुजारिश की थी।  
  • इन वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च के हवाले से बताया है कि नोवेल कोरोनावायरस यानी Sars COV-2 के छोटे-छोटे कण हवा में कई घंटों तक बने रहते हैं और वे भी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। 
  • इस पूरे मामले में लोग जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन  को आड़े हाथ ले रहे हैं वहीं, इस शीर्ष संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस हवा से नहीं बल्कि एयरोसोल और 5 माइक्रोन से छोटी ड्रापलेट्स से फैल सकता है। (एक माइक्रॉन एक मीटर के दस लाखवें हिस्से के बराबर होता है।)

हवा न भी चले तो भी कोरोना के कण 13 फीट तक फैलते हैं
दुनियाभर के एक्सपर्ट सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट का दायरा मेंटेन करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन हाल में हुए एक अन्य शोध के नतीजे चौंकाने वाले हैं। भारतीय और अमेरिकी शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि कोरोना के कण बिना हवा चले भी 8 से 13 फीट तक की दूरी तय कर सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, 50 फीसदी नमी और 29 डिग्री तापमान पर कोरोना के कण हवा में घुल भी सकते हैं।

ये खबर भी पढ़ें

1. हवा में है कोरोना / NYT की रिपोर्ट के बाद लोग कह रहे- ‘WHO ठीक से काम नहीं कर रहा, हालात गंभीर हैं और चेतावनी नहीं दी जा रही’

2. कोरोना पर नया दावा / 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा- कोरोना हवा से भी फैल सकता है, डब्ल्यूएचओ से नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग

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