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विवाद में शिक्षक भर्ती परीक्षा के 30 हजार पद

  • वेटिंग व बाहरी राज्यों के आवेदक टालना चाहते हंै शिक्षकों की भर्ती, लेकिन मेरिट होल्डर चाहते हैं जल्द पोस्टिंग

दैनिक भास्कर

Jul 07, 2020, 04:00 AM IST

शिवपुरी. शिक्षक चयन प्रक्रिया में बाहरी राज्यों के आवेदक, नौकरी से साथ-साथ बीएड करने वाले अतिथि शिक्षक तथा वेटिंग लिस्ट वाले संगठित होकर 30 हजार रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को टालने के लिए राजनीतिक व प्रशासनिक तौर पर जोर लगा रहे हैं। दूसरी तरफ मेरिट में आए आवेदक तत्काल नियुक्ति के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 50 हजार पद रिक्त हैं। प्रथम चरण में 30 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए मेरिट होल्डरों का डाॅक्युमेंट वेरीफिकेशन इस विवाद के चलते टल गया है।
प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 17 हजार, माध्यमिक स्कूलों मंे 30 हजार, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 38 हजार शिक्षकों के पद खाली हंै। वर्ष 2020 में 7 लाख आवेदकों ने 30 हजार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा दी थी। एक जुलाई से पांच जुलाई डाॅक्यूमेंटेशन शुरू हुआ, लेकिन चयन प्रक्रिया से वंचित लगभग एक 20 हजार आवेदकों के विरोध के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। 
डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन के  पहले दिन से ही इसमें विवाद शुरू हो गए। एलाइड विषयों वाले आवेदकों तथा एक ही साल में अतिथि शिक्षक के साथ बीएड करने वाले आवेदकों को अयोग्य घोषित किए जाने से स्थिति और खराब हो गई। इसी बीच बाहरी राज्यों व वेटिंग लिस्ट वाले आवेदकों ने कोरोना संक्रमण में आने -जाने की दिक्कतों का हवाला देकर इस प्रक्रिया का विरोध शुरू कर दिया। आवेदकों ने लोक शिक्षण संचालनालय के अफसरों को लगातार फोन, मैसेज, पत्र के जरिए बार-बार यह परेशानी बताई तो अफसरों ने अगले आदेश तक प्रक्रिया रोक दी। 
वेटिंग वालाें को भी उम्मीद

कोविड के कारण लाखों की  संख्या लोग रोजगार गवां कर प्रदेश में लौटे हैं। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का अनुमान है कि सरकारी स्कूलों में इस वर्ष एडमिशन ओपन होते ही गत वर्ष की तुलना में छात्रों की संख्या डेढ़ से दो गुना हो जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी। यदि भर्ती टली और छात्रों की संख्या बढ़ी तो फिर पढ़ाई चौपट हो सकती है।

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