- अगले 5 साल में पूरी दुनिया में जितने नए मोबाइल उपभोक्ता बनेंगे, उसमें आधा योगदान एशिया-प्रशांत क्षेत्र का होगा
- एशिया प्रशांत क्षेत्र में 2019 तक 2.8 अरब मोबाइल उपभोक्ता थे, 2025 तक इसमें 26.6 करोड़ की बढ़ोतरी होगी
दैनिक भास्कर
Jul 06, 2020, 08:53 PM IST
नई दिल्ली. एशिया प्रशांत क्षेत्र की मोबाइल कंपनियां 2020 से लेकर 2025 तक अपने नेटवर्क पर 400 अरब डॉलर (करीब 29.84 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का पूंजीगत निवेश (कैपेक्स) करेंगी। इसका करीब दो-तिहाई हिस्सा यानी 331 अरब डॉलर (करीब 24.7 लाख करोड़ रुपए) 5जी नेटवर्क बनाने पर खर्च होगा। यह बात उद्योग संघ जीएसएमए ने कही।
जीएसएमए ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में 2019 तक 2.8 अरब मोबाइल उपभोक्ता थे। 2025 तक इसमें 26.6 करोड़ की बढ़ोतरी होगी। पूरी दुनिया में अगले पांच साल में जितने नए मोबाइल उपभोक्ता बनेंगे, उसमें करीब आधा योगदान एशिया-प्रशांत क्षेत्र का होगा।
एशिया-प्रशांत में भारत सहित कई देशों में 4जी का हो रहा प्रमुखता से उपयोग
जीएसएमए की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2020 अंत तक जापान सहित 9 देशों ने कमर्शियल मोबाइल 5जी सेवा लांच कर दी है। 12 अन्य देशों ने 5जी सेवा शुरू करने की औपचारिक घोषणा कर दी है। हालांकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अब भी 4जी का काफी उपयोग हो रहा है। इस टेक्नोलॉजी का प्रमुखता से उपयोग करने वालों में बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया और पाकिस्तान भी शामिल हैं।
5जी में हो रहे निवेश से क्षेत्र का आर्थिक विकास भी हो रहा
जीएसएमए के एपीएसी प्रमुख जुलियन गॉरमैन ने कहा कि इस क्षेत्र में 5जी नेटवर्क में हो रहे निवेश से उद्योग और मैन्यूफैक्चरिंग में बदलाव हो ही रहा है। साथ ही इस निवेश से आर्थिक विकास भी हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मोबाइल टेक्नोलॉजी और सेवाओं से 1.6 लाख करोड़ डॉलर आर्थिक मूल्य का सृजन हुआ, जो जीडीपी के 5.3 फीसदी के बराबर है।
डिजिटल ईकोसिस्टम का विकास तेज करने की जरूरत
गॉरमैन ने कहा कि उभरते बाजार वाले देशों को डिजिटल ईकोसिस्टम का विकास करने की कोशिश में तेजी लानी चाहिए। इसके तहत मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या और ब्रॉडबैंड का उपयोग बढ़ाना चाहिए। इससे एक समावेशी 5जी भविष्य की बुनियाद तैयार होगी।
कोरोनावायरस का मोबाइल उद्योग पर अल्पकालिक असर होगा
जीएसएमए ने कहा कि कोरोनावायरस का मोबाइल उद्योग पर छोटी अवधि के लिए असर पड़ेगा। 5जी के उपयोग में थोड़े समय के लिए ही कमी आएगी। महामारी से निजात पाने के क्रम में उपभोक्ता, उद्यम और सरकारों के लिए व्यापक कनेक्टिविटी और बेहतर नेटवर्क का महत्व बढ़ता जाएगा।