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महिला चैकिंग स्टाफ को दी जाएगी मार्केटिंग और दिन की गाड़ियों की जिम्मेदारी

  • रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों बिलासपुर मंडल और भोपाल मंडल में महिला टिकट चैकिंग स्टाफ को इस तरह की जिम्मेदारियाँ दी गई थीं

दैनिक भास्कर

Jul 06, 2020, 07:04 AM IST

जबलपुर. कोरोना की महामारी के दौर में भारतीय रेलवे में राजस्व बढ़ाने पर जोर दिए जाने के बाद पश्चिम मध्य रेलवे जोन और जबलपुर मंडल में रेल प्रशासन ने आय बढ़ाने की नई रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है, जिसमें महिला चैकिंग स्टाफ से एक ओर मार्केटिंग कराने की तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें दिन की गाड़ियों में चैकिंग की जिम्मेदारी सौंपी जाने पर चर्चा हो रही है, ताकि वो सुबह जाकर रात तक अपने काम कर घर लौट सकें। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों बिलासपुर मंडल और भोपाल मंडल में महिला टिकट चैकिंग स्टाफ को इस तरह की जिम्मेदारियाँ दी गई थीं, जिन्होंने अपने वेतन से अधिक राजस्व अर्जित करके दिखाया है। 
यही वजह है िक अब जबलपुर मंडल में भी मुख्य रेलवे स्टेशन और पिंक स्टेशन पर कार्यरत महिला टिकट चैकिंग स्टाफ को नया दायित्व सौंपने की योजन बनाई जा रही है। जानकारों का कहना है िक लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान रेलवे में महिला स्टेशन मास्टर, ड्राइवर, इलेक्ट्रिकल स्टाफ, हैल्पर आदि अपने काम को बखूबी अंजाम देती रही हैं, लेकिन यात्री गाड़ियों का संचालन नहीं होने से महिला टिकट चैकिंग स्टाफ से कोई काम रेल प्रशासन नहीं ले सका और उन्हें बिना काम के ही महीनों तक वेतन देना पड़ा, लेकिन अब रेलवे बोर्ड के राजस्व बढ़ाने के आदेश आने के बाद पमरे प्रशासन जबलपुर मंडल की महिला टिकट चैकिंग स्टाफ को काम की कमी की वजह से उन्हें बाजार में भेज कर मार्केटिंग कराने पर विचार कर रहा है। जो बाजार जाकर व्यापारियों से चर्चा कर  रेलवे में माल की बुकिंग कराने के लिए प्रयास करेंगी। माल का लदान बढ़ने से रेलवे के राजस्व में इजाफा हो सकेगा। वहीं दूसरी तरफ सुबह चलकर रात तक लौटने वाली गाड़ियों जैसे जनशताब्दी या इंटरसिटी में महिला चैकिंग स्टाफ को स्कॉटिंग के लिए भेेजे जाने पर भी विचार किया जा रहा है। गौरतलब है िक जबलपुर मंडल में राजस्व बढ़ाने और कार्यशैली बेहतर करने के उद््देश्य से कर्मचारियों को मल्टी स्किल्ड बनाने का अभियान शुरू हो चुका है।पी-3 

चार महीने के बाद मिली रनिंग स्टाफ को राहत
संरक्षा उपकरणों को ढोने की परेशानी से चार महीने के बाद रेलवे के रनिंग स्टाफ को आखिरकार वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लॉईज यूनियन के प्रयासों से राहत मिल ही गई। यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया और मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि मार्च माह में लाइन बॉक्स को चढ़ाने-उतारने की व्यवस्था बंद कर दी गई थी, जिससे रनिंग स्टाफ परेशान था। इस समस्या के बारे में यूनियन ने डीआरएम संजय विश्वास से चर्चा की और उन्होंने माँग को जायज मानते हुए सीनियर डीईई टीआरओ व सीनियर डीओएम को लाइन बॉक्स की व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश जारी किए, तब जाकर महीनों से परेशान रनिंग स्टाफ ने राहत की साँस ली।पी-2 

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