कोरोना संक्रमण का असर जून-जुलाई में होने वाली अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा कि इस बार यात्रा पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक दिन में जम्मू से अमरनाथ गुफा तक सिर्फ 500 श्रद्धालुओं को ही जाने की इजाजत मिलेगी।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सचिव ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में बाहर से आने लोगों को नियमों के मुताबिक कोरोना की जांच करानी होगी। इससे पहले यूटी प्रशासन और बोर्ड के सदस्यों की बैठक हुई, इसमें विशेष रूप से यात्रा के इंतजाम और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई।
जुलाई के अंत में 15 दिन के लिए यात्रा हो सकती है
अमरनाथ गुफा 3880 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां हर साल दो मार्गों अनंतनाग के पहलगाम और गांदेरबल के बालटाल से यात्रा शुरू होती है, जो कि 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसमें देरी हुई। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड जुलाई के अंत में 15 दिन के लिए यात्रा कराने की योजना बना रहा है।
जम्मू-कश्मीर आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट होगा
रिव्यू मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ने से हम राज्य में आने वाले हर व्यक्ति का आरटीपीसीआर कोरोना टेस्ट कराना जरूरी होगा। जब तक टेस्ट निगेटिव ना आए जाए, लोगों को क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा।
प्रशासन की ओर से बताया गया है कि यात्रा के मार्ग पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए हैं। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि कश्मीर के 10 में से 9 जिले कोरोना के रेड जोन में हैं। इसलिए मेडिकल स्टाफ बिजी है। यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से भी डॉक्टरों को नहीं बलाया जाता है।
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