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गांव के लोगों को भी नहीं पता चला कि पीएम उनके बीच हैं, टीवी में खबर देखी तो हो गए सरप्राइज

  • शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था लद्दाख का दौरा, अचानक पहुंचकर हर किसी को कर दिया था सरप्राइज
  • नीमू गांव के लोग आर्मी कैंप के बाहर खड़े थे, लेकिन उन्हें ये बताया गया था कि आर्मी का कोई अफसर दौरा करने आया है
मोरूप स्टैंजिन

मोरूप स्टैंजिन

Jul 04, 2020, 08:58 PM IST

लेह. पीएम मोदी ने शुक्रवार को अचानक लद्दाख पहुंचकर हर किसी को सरप्राइज कर दिया था। पीएम की विजिट को इतना ज्यादा सीक्रेट रखा गया था कि इस बारे में स्थानीय गांव के लोगों को भी कोई भनक नहीं लग सकी। स्थानीय लोगों को भी टीवी पर खबरें देखकर पता चला कि पीएम मोदी लद्दाख आए हुए हैं।

लद्दाख में आने वाले नीमू गांव के लोगों को यह बताया गया था कि सेना के कुछ अधिकारी आर्मी कैंप का दौरा करने आए हैं। पीएम शुक्रवार सुबह 9 बजे नीमू गांव पहुंचे थे। जब वे जवानों से बातचीत कर रहे थे, तब भी ग्रामीणों को नहीं पता था कि पीएम आए हुए हैं।

जबकि ग्रामीण आर्मी कैंप के बाहर के खड़े हुए थे। जब ग्रामीणों को यह पता चला कि उनके गांव में पीएम आए हुए हैं, तो वे काफी खुश नजर आए और हर किसी ने उम्मीद जताई कि पीएम की इस विजिट के बाद बॉर्डर पर चल रहा टेंशन कम होगा। 

ग्रामीण पीएम से मिलना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से किसी को भी मिलने नहीं दिया गया।

लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख पीटी कुंजंग ने कहा कि पीएम के दौरे से सिर्फ जवानों का उत्साह ही नहीं बढ़ेगा बल्कि चीन को भी मैसेज मिलेगा कि भारत बॉर्डर के मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है। कुंजंग के मुताबिक, पीएम के आने से बॉर्डर पर रहने वाले लोग भी अब पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमें समाचार से पता चल रहा है कि दोनों तरफ भारी संख्या में जवान तैनात हैं इसलिए टेंशन भी काफी है। ग्रामीणों का कहना है कि भारत इस बार कड़े कदम उठाएगा तो चीन फिर दोबारा हमारी जमीन को हड़पने की कोशिश नहीं कर पाएगा। 

पीएम के पहुंचने के पहले ही जरूरी रास्तों का ट्रैफिक बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया था।

कुंजंग कहते हैं कि, युद्ध के जरिए समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसे बातचीत से ही सुलझाना चाहिए। लद्दाख की जनता देश से प्यार करती है और हमेशा इंडियन आर्मी का सपोर्ट करती है। ग्रामीणों ने पीएम से मिलने की भी कोशिशें की लेकिन, सुरक्षा कारणों के चलते किसी को भी पीएम के पास जाने की इजाजत नहीं दी गई। आर्मी अफसरों के अलावा सिर्फ लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर और सांसद ही पीएम के साथ थे। 

लद्दाख में सांसद सेरिंग नामग्याल ने पीएम से मुलाकात की।

लद्दाख में शिया मुस्लिम समुदाय के प्रमुख और अंजुमन इमामिया के अध्यक्ष असरफ अली बरचा ने कहा कि, पीएम को और पहले आना था लेकिन उनकी  अभी की विजिट के बाद ही चीन को एक मजबूत मैसेज जाएगा। इमामिया के मुताबिक, लद्दाख हमेशा इंडियन आर्मी को पहले की तरह सपोर्ट करता रहेगा। इमामिया कहते हैं कि, पीएम ने एक बार भी दुश्मन का नाम नहीं लिया, यह मन में कई सवाल खड़ा करता है।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तेरसिंग नामग्याल ने कहा कि पीएम का दौरा सेना के उत्साह को कई गुना बढ़ा देगा। वहीं, भाजपा अध्यक्ष दोरजय अंगचुक मानते हैं कि पीएम का लद्दाख दौरा बताता है कि वे देश को लेकर कितने ज्यादा सीरियस हैं।

शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने कहा कि पीएम के विजिट से चाइना को यह पता चलता है कि हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं। पूर्व आईएएस फंचोक स्टोबडान कहते हैं कि लद्दाख के लोग पीएम से मिल नहीं सके इसलिए यहां के लोगों को विजिट का फायदा नहीं मिल सका। 

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